Fruit Juices In Winter: सर्दियों का मौसम वैसे तो सेहत बनाने का मौसम माना जाता है. लेकिन इसी मौसम में सर्दी, जुकाम, (Cold Cough) खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों का संक्रमण होने का खतरा भी अधिक होता है. ठंड अगर ज्यादा हो तो इसका असर पाचन तंत्र पर भी पड़ता है. कई बार ज्यादा ठंड के चलते पाचन तंत्र कमजोर पड़ जाता है. वैसे इसी मौसम में फल और सब्जियां अच्छे से उपलब्ध होती है. विटामिन (Vitamin) और मिनरल्स से भरपूर फलों को हमेशा ही सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या इस मौसम में फलों का जूस पीना चाहिए. आइए जानते हैं कि इस मौसम में जूस पीने के क्या फायदे या फिर नुकसान हो सकते हैं. तो जानते हैं इस बारे में आयुर्वेद का क्या कहना है.
सर्दी में फ्रूट जूस पीना फायदेमंद या नुकसानदायक, जानें जवाब | Is drinking juice in the winter good for health?
सर्दी में होता है पाचन तंत्र कमजोर
मौसमी फलों से मिलने वाले पोषण का जवाब नहीं. इसीलिए जानकार अक्सर सलाह देते हैं कि मौसमी फलों का सेवन जरूर किया जाना चाहिए. लेकिन ठंड मे कई मर्तबा हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में बेहतर होगा अगर हम फलों का जूस पीने के बजाय उसे गूदे सहित खाएँ. गूदे में मौजूद फाइबर न पाचन में मदद करता है और फल का पोषण भी शरीर को प्राप्त होता है.
जूस पिएं, बशर्ते...
जूस की तासीर आमतौर पर सर्द होती है. ऐसे में कई लोगों को जूस पीने से गला खराब होना, खांसी या सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी घेर सकती है. यदि आप ठंडे पेयों को लेकर संवेदनशील है तो बेहतर होगा फलों के जूस से दूरी बनाकर रखें. खासतौर पर जिन लोगों को गला ज्यादा सेंसिटिव है उन्हें जूस और खासतौर पर ठंडा जूस नहीं पीना चाहिए.
सर्दियों में कौन सा जूस है सबसे बेहतर | गाजर, चुकंदर और संतरे का जूस है बेहद फायदेमंद | Which juice is beneficial in winters?
हालांकि सर्दियों में मिलने वाला गाजर चुकंदर का जूस, संतरे का जूस विटामिन ए और सी, एंटी ऑक्सीडेंट्स, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम का बेहतरीन सोर्स है. ऐसे में खुद की तासीर के मुताबिक इनका सेवन किया जा सकता है. बेहतर होगा कि फलों और जूस का सेवन रात के वक्त न करें. ऐसा करना से इसके कारण सर्दी-जुकाम होने की संभावना भी कम रहेगी और इसके फायदे भी शरीर को मिल सकेंगे.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)