सेहत का अमृत है हरड़ (Haritaki), कब्ज, बवासीर, वजन घटाने में कमाल, जानें रोजाना हरड़ खाने के फायदे और नुकसान

हरड़ को खास बनाने वाली चीज़ यह है कि इसमें एक साथ पाँच तरह के स्वाद (Taste) मिलते हैं: कसैला (Astringent), खट्टा (Sour), मीठा (Sweet), तीखा (Pungent) और कटु (Bitter). इन सभी स्वादों का मिश्रण इसे एक संपूर्ण औषधि बनाता है.

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नई दिल्ली:

Harad ke fayde: आयुर्वेद (Ayurveda) में हरड़ (Harad) को एक ऐसा खजाना माना गया है, जिसे 'अमृत तुल्य' यानी अमृत के जैसा कहा जाता है. इसका असली नाम हरितकी (Haritaki) है. यह सिर्फ एक जड़ी बूटी (Herb) नहीं है, बल्कि यह आपकी सेहत का सच्चा दोस्त है. आयुर्वेद मानता है कि हरड़ शरीर की छोटी-बड़ी कई समस्याओं को दूर करती है और यह हमारे शरीर के तीन सबसे ज़रूरी दोषों (वात, पित्त और कफ) का दुश्मन है.

अगर आप हर मौसम में फिट और बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं, तो हरड़ के फ़ायदों के बारे में जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है.

हरड़ क्यों है इतनी खास? आयुर्वेद का विज्ञान

आयुर्वेद के बड़े ग्रंथ जैसे चरक संहिता (Charaka Samhita) में हरड़ के औषधीय गुणों (Medicinal Properties) की खूब तारीफ की गई है. इसे त्रिदोष नाशक कहा जाता है, जिसका मतलब है कि यह शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों दोषों (Tri-Doshas) को बैलेंस (Balance) यानी संतुलित रखती है.

हरड़ को खास बनाने वाली चीज़ यह है कि इसमें एक साथ पाँच तरह के स्वाद (Taste) मिलते हैं: कसैला (Astringent), खट्टा (Sour), मीठा (Sweet), तीखा (Pungent) और कटु (Bitter). इन सभी स्वादों का मिश्रण इसे एक संपूर्ण औषधि बनाता है.

इसके अंदर ऐसे ताकतवर तत्व (Ingredients) मौजूद हैं, जैसे कि रसायन (Rasayana), टैनिन्स (Tannins), फ्लेवोनॉयड्स (Flavonoids) और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants). ये सभी मिलकर हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं और अंदर से शरीर की मरम्मत (Repair) का काम करते हैं. यह एक एडाप्टोजेनिक हर्ब (Adaptogenic Herb) भी है, यानी यह आपके शरीर की जैसी ज़रूरत होती है, उसी हिसाब से काम करती है.

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हरड़ के 6 सबसे बड़े घरेलू इस्तेमाल और सेवन का तरीका

1. कब्ज (Constipation) और पाचन तंत्र के लिए:

कब्ज को आयुर्वेद में सौ बीमारियों की जड़ माना गया है. अगर पेट साफ नहीं है, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं. रात को सोने से पहले आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी (Lukewarm Water) के साथ लें. हरड़ एक प्राकृतिक रेचक (Natural Laxative) की तरह काम करती है. यह आँतों (Intestines) की गतिशीलता को बढ़ाती है, जिससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाता है.

2. अपच (Indigestion) और एसिडिटी (Acidity) से छुटकारा:

अगर आपको खाने के बाद पेट फूलना, गैस या खट्टी डकारें (Sour Belching) आती हैं, तो हरड़ बहुत कारगर है. एक चुटकी हरड़ चूर्ण को थोड़ी सी मिश्री (Sugar Candy) के साथ पानी में मिलाकर लें. यह पित्त दोष (Pitta Dosha) को तुरंत शांत करती है, जिससे सीने की जलन और खट्टी डकारें आना रुक जाता है.

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3. बवासीर (Piles/Hemorrhoids) में राहत:

खूनी बवासीर जैसी गंभीर स्थिति में भी हरड़ का इस्तेमाल राहत देता है. आधा चम्मच हरड़ चूर्ण को देसी घी (Ghee) में मिलाकर लें. यह मलद्वार (Anus) के आस-पास की सूजन (Inflammation) को कम करता है और घाव को भरने में मदद करता है, जिससे खूनी बवासीर में दर्द और जलन कम होती है.

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4. लिवर (Liver) को मज़बूत और भूख बढ़ाना:

हरड़ लिवर को डिटॉक्स (Detox) करने यानी विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है.  सुबह खाली पेट (Empty Stomach) एक चम्मच हरड़ चूर्ण को शहद (Honey) के साथ लें. यह लिवर को मज़बूत बनाती है, पाचन शक्ति को सुधारती है और आपकी भूख (Appetite) को बढ़ाती है.

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5. सर्दी-जुकाम और गले की खराश:

मौसम बदलने पर होने वाले सर्दी-जुकाम (Cold and Cough) में हरड़ एक अच्छा देसी नुस्खा है. हरड़ को हल्का सा घी में भूनकर उसका चूर्ण (Powder) बनाएं और थोड़ा-सा चूर्ण शहद के साथ लें. यह जमे हुए कफ (Phlegm) को पिघलाकर बाहर निकालती है, बलगम (Mucus) को कम करती है और गले की सूजन (Throat Swelling) को शांत करती है.

6. आँखों की रोशनी और बाल: 

हरड़ सिर्फ पेट के लिए ही नहीं, बल्कि आँखों और बालों (Hair) के लिए भी अच्छी है.

  • आँखों के लिए: हरड़ को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह उस पानी से अपनी आँखें धोएँ. इससे आँखों का सूखापन (Dryness), जलन (Burning) और खुजली दूर होती है और रोशनी बेहतर होती है.
  • बालों के लिए: हरड़ को उबालकर उस पानी से हफ्ते में दो बार सिर धोएँ. रूसी (Dandruff) कम होती है और बालों की जड़ें मज़बूत होती हैं.

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7. वजन घटाने (Weight Loss) में हरड़ का रोल

अगर आप जिम में खूब पसीना बहा रहे हैं लेकिन रिजल्ट (Result) नहीं मिल रहा है, तो हरड़ आपको मदद कर सकती है. सुबह खाली पेट आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गरम पानी (Hot Water) के साथ लें. यह आपके मेटाबॉलिज्म (Metabolism) यानी खाना पचाने की प्रक्रिया को तेज़ करती है, जिससे शरीर में जमा हुई चर्बी (Fat) पिघलनी शुरू हो जाती है और वजन कंट्रोल में रहता है.

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8 मुँह के छाले: हरड़ और इलायची (Cardamom) का काढ़ा बनाकर कुल्ला (Gargle) करने से मुँह के छालों की जलन और दर्द कम होता है.
9. डायबिटीज कंट्रोल: हरड़ और जामुन के बीज का चूर्ण (Powder) बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में एक बार लेने से ब्लड शुगर (Blood Sugar) कंट्रोल में रहता है.

ज़रूरी चेतावनी: हरड़ किसे नहीं खाना चाहिए? | Harad Khane Ke Nuksan

हरड़ एक ताकतवर औषधि है, लेकिन इसे ज़्यादा मात्रा में लेने से दस्त (Diarrhea) हो सकते हैं. इसलिए इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. कुछ लोगों को इसे डॉक्टर या वैद्य (Ayurvedacharya) की सलाह के बाद ही लेना चाहिए:

  • गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women).
  • बहुत कमज़ोर व्यक्ति (Weak individuals).
  • डिहाइड्रेशन (Dehydration) यानी शरीर में पानी की कमी होने पर.

हरड़ सही मायने में प्रकृति का एक ऐसा तोहफा है जो पोषण देने के साथ-साथ शरीर की हर समस्या को जड़ से दूर करने की ताकत रखता है. इसे अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी में शामिल करके आप एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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