पीरियड्स के दर्द को कहें 'बाय-बाय'! गर्म पानी पीने से लेकर गुनगुने नहाने तक, ये 5 आदतें देंगी तुरंत आराम

Period pain Gharelu upay : आपकी कुछ बहुत छोटी-छोटी आदतें पीरियड दर्द को काफी हद तक कम कर सकती हैं. आइए जानते हैं 5 ऐसी आसान आदतें जो आपको पीरियड क्रैम्प्स (Period Cramps) से राहत दिला सकती हैं.

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पीरियड्स के दौरान दिन की शुरुआत अगर गर्म पानी से की जाए, तो शरीर को तुरंत राहत मिलती है.

Period pain relief home remedy : पीरियड्स हर महिला की जिंदगी का एक नैचुरल और जरूरी हिस्सा है, लेकिन जो दर्द ये साथ लाता है, वो कई बार किसी जंग से कम नहीं होता. पेट में ऐंठन, कमर में तेज दर्द, चिड़चिड़ापन और भारीपन, ये सब मिलकर रोजमर्रा के काम भी मुश्किल कर देते हैं. आयुर्वेद इसे शरीर में वात दोष के असंतुलन से जोड़ता है, जबकि विज्ञान के अनुसार यह दर्द गर्भाशय में बनने वाले प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandin) नामक रसायन की वजह से होता है, जो मांसपेशियों को सिकोड़ देता है. लेकिन अच्छी बात यह है कि इस दर्द से लड़ने के लिए आपको सिर्फ पेनकिलर (Painkiller) की जरूरत नहीं है. आपकी कुछ बहुत छोटी-छोटी आदतें इस दर्द को काफी हद तक कम कर सकती हैं. आइए जानते हैं 5 ऐसी आसान आदतें जो आपको पीरियड क्रैम्प्स (Period Cramps) से राहत दिला सकती हैं.

1. दिन की शुरुआत गर्म पानी से करें

पीरियड्स के दौरान दिन की शुरुआत अगर गर्म पानी से की जाए, तो शरीर को तुरंत राहत मिलती है. आयुर्वेद में गर्म पानी को अग्नि यानी पाचन शक्ति को मजबूत करने वाला माना गया है. सुबह उठते ही एक गिलास गर्म पानी पीने से शरीर के अंदर जमी ठंडक दूर होती है और गर्भाशय की मांसपेशियां धीरे-धीरे खुलने लगती हैं. विज्ञान भी मानता है कि गर्म पानी ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) को बेहतर करता है, जिससे पेट में जकड़न कम होती है. इससे सूजन घटती है और दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है. इसमें हर्बल चाय भी फायदा पहुंचाती है.

2. गुनगुने पानी से नहाएं

नहाने का तरीका भी पीरियड्स के दर्द पर असर डालता है. ठंडे पानी से नहाने पर मांसपेशियां और ज्यादा सिकुड़ सकती हैं, जिससे दर्द बढ़ता है. वहीं गुनगुने या गर्म पानी से नहाने पर शरीर को सुकून मिलता है. जब गर्म पानी पेट और कमर पर पड़ता है, तो वह प्राकृतिक सिंकाई का काम करता है. आयुर्वेद में इसे 'स्वेदन' कहा जाता है, यानी शरीर से जकड़न निकालना. विज्ञान के अनुसार, गर्म पानी नसों को शांत करता है और दर्द को कम करता है.

3. सुबह का नाश्ता न छोड़ें

पीरियड्स के दौरान सुबह का नाश्ता बहुत अहम हो जाता है. इस समय शरीर को ज्यादा एनर्जी और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है. अगर नाश्ता हल्का लेकिन पौष्टिक हो, तो कमजोरी और चक्कर जैसी समस्याएं कम होती हैं. आयुर्वेद में ऐसे भोजन की सलाह दी जाती है जो शरीर को ताकत दे और आसानी से पच जाए. केले (Banana), सूखे मेवे (dry fruits), बीज (seeds) और हरी सब्जियां (green vegetables) शरीर में जरूरी तत्वों की कमी पूरी करती हैं. विज्ञान के अनुसार मैग्नीशियम (Magnesium) और पोटेशियम(Potassium) मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं, जिससे ऐंठन कम होती है. 

4. हल्की कसरत या स्ट्रेचिंग करें

पीरियड्स में हल्की एक्सरसाइज या योग शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है. आयुर्वेद में कहा गया है कि योग से वात दोष संतुलित रहता है. सुबह कुछ मिनट की स्ट्रेचिंग या आसान योगासन करने से पेट की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो अच्छा होता है. विज्ञान भी मानता है कि हल्की एक्सरसाइज से एंडोर्फिन (Endorphins) नामक हार्मोन निकलता है, जो शरीर को नैचुरल तरीके से दर्द में आराम पहुंचाता है. इससे मन हल्का और शरीर आराम में आ जाता है.

5. पेट की करें गर्म सिंकाई

पीरियड्स के दर्द में सिंकाई एक पुराना लेकिन बहुत असरदार तरीका है. गर्म पानी की बोतल या हॉट वाटर बैग को पेट पर रखने से तुरंत राहत महसूस होती है. आयुर्वेद इसे बाहरी हीट थेरेपी (heat therapy) मानता है, जो अंदर की जकड़न को खोलता है. विज्ञान के अनुसार, गर्माहट से नसें फैलती हैं और ब्लड फ्लो तेज होता है, जिससे दर्द उभारने वाले केमिकल कम हो जाते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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