भारत में कैंसर के 20 प्रतिशत मामलों में 40 वर्ष से कम उम्र के लोग पीड़ित : शोध में हुआ खुलासा

एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि कैंसर भारत में युवाओं को अपना शिकार बना रहा है. देश में कैंसर के 20 फीसदी मामले 40 साल से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं में देखने को मिले.

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भारत में कम उम्र के लोग हो रहे हैं कैंसर के शिकार.

एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि कैंसर भारत में युवाओं को अपना शिकार बना रहा है. देश में कैंसर के 20 फीसदी मामले 40 साल से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं में देखने को मिले. दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संस्था 'कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन' के शोध में यह बात निकलकर सामने आई है कि भारत में 40 से कम उम्र के कैंसर रोगियों में 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.

देश में सिर और गर्दन के कैंसर (26 प्रतिशत) के सबसे अधिक मामले सामने आए. इसके बाद कोलन, पेट और लीवर जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (16 प्रतिशत) थे. वहीं, स्तन कैंसर के 15 प्रतिशत और रक्त कैंसर 9 प्रतिशत मामले सामने आए.

'कैंसर मुक्त भारत' अभियान का नेतृत्व कर रहे प्रधान अन्वेषक और वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट आशीष गुप्ता ने खराब जीवनशैली के लिए युवा वयस्कों में कैंसर के बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया.

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आशीष ने कहा, "हमारे देश में मोटापे की बढ़ती दर, आहार संबंधी आदतों में बदलाव और विशेष रूप से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन से बढ़ते चलन ने कैंसर के मामलों को बढ़ा दिया है.'' उन्होंने कहा, "युवा पीढ़ी में कैंसर के खतरे को रोकने के लिए हमें स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए. तंबाकू और शराब के सेवन से बचना चाहिए."

शोध से यह भी पता चला कि भारत में डिटेक्ट 27 प्रतिशत मामले कैंसर के फर्स्ट और सेकंड स्टेज में थे. वहीं, 63 प्रतिशत मामले स्‍टेज 3 और 4 में थे. आशीष ने कहा, ''जांच में लापरवाही के कारण लगभग दो तिहाई कैंसर के मामलों का देरी से पता चला.''

यह शोध पूरे भारत में 1,368 कैंसर रोगियों पर किया गया, जिन्होंने 1 मार्च से 15 मई के बीच फाउंडेशन के कैंसर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया था.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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