पोते के लिए घोड़ा बने Salman Khan के पिता सलीम खान, Grandparents के लिए सेट किए Goals, जानें बच्चों के लिए कितना जरूरी है ग्रैंडपेरेंट्स का साथ

Importance Of Grandparents in Your Child's Life: बच्चों की परवरिश में जितना हाथ माता-पिता का होता है, उतनी ही जरूरत दादा दादी या नाना नानी की भी होती है. आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों की जिंदगी में बड़ों का साया होना क्यों जरूरी है.

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बच्चों की जिंदगी में क्यों जरूरी है ग्रेंड पेरेंट्स | Importance Of Grandparents in Your Child's Life

Importance Of Grand Parents: बी टाउन में कई ऐसे सेलेब्स हैं  जो आज भी जॉइंट फैमिली में रहना पसंद करते हैं. भरे पूरे परिवार के बीच हर त्यौहार साथ मनाते हैं. उन्हें में से एक है बॉलीवुड के भाई जान सलमान खान (Salman Khan) जो आज भी अपने पूरे परिवार (Khan Family) के साथ जॉइंट फैमिली में रहते हैं. हाल ही में सलमान खान के पिता सलीम ख़ान (Salim Khan) का एक वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसमें वो अपने नाती और अर्पिता खान (Arpita Khan) के बेटे के लिए घोड़ा बने नजर आ रहे हैं और दादा-पोते का ये वीडियो खूब पसंद भी किया जा रहा है. इस वीडियो का जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक बच्चे की जिंदगी में क्यों जरूरी है दादा दादी का साथ.  ग्रैंडपेरेंट्स का साथ बच्चों को संस्कार और एक अच्छी परवरिश देने में मदद करता है.

यहां देखें पोस्ट : 

बच्चों की जिंदगी में क्यों जरूरी है ग्रेंड पेरेंट्स | Importance Of Grandparents in Your Child's Life

    रीति रिवाज और संस्कृति सिखाएं

    अगर बच्चा जॉइंट फैमिली में बड़ा होता है, जहां दादा-दादी, चाचा चाची, बुआ सब लोगों का साथ उसे मिलता है तो वो अपने परिवार में रहकर रीति रिवाज और संस्कृति के बारे में बेहतर तरीके से जान पाता है. अक्सर, माता-पिता कुछ रिवाज से अनजान रहते हैं और वह अपने बच्चों को भी इस बारे में नहीं बता पाते, इसलिए दादा-दादी या बड़ों के होने से उन्हें यह संस्कार मिलते हैं.

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    बच्चों को मिलती है नैतिक शिक्षा

    जी हां, घर में अगर किसी बड़े का साया हो, तो बच्चों के लिए विश्वास, प्रेम और नैतिक शिक्षा का स्तंभ मजबूत होता है. दादा-दादी अक्सर बच्चों को ऐसी कहानी सुनाते हैं, जिससे उनको जीवन में कई बातें समझ आती है और उनके जीवन पर इसका पॉजिटिव प्रभाव भी पड़ता है.

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    फैमिली रिलेशन को बेहतर ढंग से समझें

    बच्चा अगर न्यूक्लियर फैमिली में रहता है, तो वह सिर्फ अपने माता-पिता या भाई बहन तक सीमित रहता है. लेकिन जब बच्चा जॉइंट फैमिली में रहता है और उसके सिर पर बड़ों का साया होता है, तो बच्चे को फैमिली वैल्यूज पता चलती है और वो अपने बड़ों के लिए ज्यादा संस्कारी होते हैं.

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    बच्चों और बड़ों का बॉन्ड स्ट्रांग

    नैतिक शिक्षा, संस्कारों के अलावा घर में बड़ों के होने से बच्चों का टाइम पास होता है. वह खेल-खेल में कई चीजें सीखते हैं और बुजुर्ग भी अपने रिटायरमेंट टाइम को अपने ग्रैंड चाइल्ड के साथ एंजॉय कर सकते हैं.

    (अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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