Lack of Sleep Disease: हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड स्लीप डे मार्च संक्रांति से पहले शुक्रवार को मनाया गया. बड़े लेवल पर इस ग्लोबल प्रोग्राम को करने का उद्देश्य किसी के स्वास्थ्य और वेलबीइंग के लिए नींद की इंपोर्टेंस को बताना है. कम नींद आपके स्वास्थ्य को कई तरह से खतरे में डाल सकती है. वजन बढ़ने से लेकर खराब ब्रेन फंक्शनिंग तक, पूरी नींद न लेने से कई कंडिशन का खतरा हो सकता है. खराब नींद भी कई नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) के लिए एक रिस्क फैक्टर है. आइए समझें कि पर्याप्त नींद न लेने से इन रोगों का खतरा कैसे बढ़ जाता है.
नींद की कमी से नॉन कम्युनिकेबल डिजीज होने का रिस्क कैसे बढ़ जाता है?
"नींद डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से लगभग सभी एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) से जुड़ी हो सकती है. बेहतर नींद न केवल किसी व्यक्ति को एनसीडी की शुरुआत में देरी करने या रोकने में मदद करती है, बल्कि यह उन लोगों के लिए इलाज के प्रोसेस में भी काफी मदद करती है जो पहले से ही प्रभावित हैं. अध्ययनों से पता चलता है अपोलो स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स में न्यूरोलॉजी के एचओडी और सीनियर एडवायजर डॉ. प्रबाश प्रभाकरन ने कहा, "अनुमानतः 10-30 प्रतिशत एडल्ट्स अनिद्रा यानि नींद न आने की बीमारी का अनुभव करते हैं, कुछ अध्ययनों के अनुसार यह बीमारी हाई रिस्क वाली आबादी में 50-60 प्रतिशत तक पहुंच गई है."
यह भी पढ़ें: जानलेवा रेबीज से कैसे बचें, क्या हैं Rabies के लक्षण और कारण, क्यों जरूरी है वैक्सीनेशन
उन्होंने आगे बताया कि 29 अध्ययनों के हालिया एनालिसिस से पता चला है कि स्ट्रोक के 70 प्रतिशत रोगियों और हाई ब्लड प्रेशर वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया भी था.
"ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) वाले रोगियों में डायबिटीज मेलिटस होने की संभावना 5.5 गुना ज्यादा होती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी होने लगता है. केवल 10 प्रतिशत वजन बढ़ने से भी ओएसए की कॉम्प्लीकेशन को 32 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं. स्लीप एपनिया से एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. डॉ. प्रभाकरन ने कहा, "ओएसए के कारण हार्ट रिलेटेड डिजीज और अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है. ओएसए के मामलों में हार्ट फेलियर (40-60 प्रतिशत) और पल्मोनरी हाइपरटेंशन (70 प्रतिशत तक) का खतरा भी बढ़ जाता है."
(डॉ प्रभाष प्रभाकरण एमडी डीएम, एचओडी और सीनियर एडवायजर - न्यूरोलॉजी, अपोलो स्पेशलिटी अस्पताल, वनग्राम, चेन्नई और सीनियर एडवायजर - न्यूरोलॉजी, अपोलो वन, ग्रीम्स रोड, चेन्नई)
दोपहर को झपकी लेने के 7 फायदे | Benefits of Napping | Can a Nap Boost Brain Health?
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)