दौड़ने भागने या किसी फिजिकल एक्टविटी के दौरान मोच (Sprain) आ जाना सामान्य है. इससे दर्द, चलने फिरने में परेशानी हो सकती हैं. मोच आने का कारण लिंगामेंट्स से जुड़ा है. इलास्टिक जैसे लिंगामेंट्स ह्यूमन बॉडी में हड्डियों को एक दूसरे से जोड़ कर रखने और जोड़ को जगह पर बनाए रखने का काम करते हैं. लिंगामेंट्स के फाइबर के क्षतिग्रस्त होने से मोच की समस्या उत्पन्न होती है. लिंगामेंट्स कभी कभी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होते हैं और कभी कभी पूरी तरह से टूट जाते हैं. आमतौर पर सबसे ज्यादा मोच पैर के टखने(Ankle) में आती है. इसके अलावा कलाई, घुटने और अंगूठे में भी मोच आ सकती है. मोच के कारण सूजन और तेज दर्द (Pain due to Sprain) हो सकता है. मोच जितनी गंभीर होती है दर्द और सूजन भी उतना ही अधिक हो सकता है. मोच के अधिकतर मामलों प्रारंभिक उपचार स्वयं शुरू कर सकते हैं.आइए जानते हैं मोच आने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए (First aid for Sprain).
मोच आने पर आर आई सी ई का फॉलों करना चाहिए (Follow the instructions for R.I.C.E.)
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रेस्ट
मोच आए अंग को आराम देना चाहिए. डॉक्टर्स भी मोच आने वाली जगह पर 48 से 72 घंटों तक कोई भार नहीं डालने की सलाह देते हैं. अगर मोच पैर में आई है तो चलने के लिए बैसाखी का उपयोग करें. स्प्लिंट या ब्रेस भी मददगार हो सकते हैं लेकिन गतिविधियों से बचना सबसे बेहतर होगा.
आइस
मोच आई जगह पर कोल्ड पैक का उपयोग करना चाहिए. इससे सूजन कम करने में मदद मिल सकती है. मोच आने पर जितनी जल्दी हो सके उस जगह पर बर्फ लगाने की कोशिश करें. इसे पहले 48 घंटों तक या सूजन में सुधार आने तक जारी रखें. बर्फ से 15 से 20 मिनट तक सेंकना चाहिए.
कंप्रेस
इलास्टिक रैप या पट्टी से मोच वाले जगह को कंप्रेस कर सकते हैं. इलास्टिक या नियोप्रीन से बने कंप्रेसिव बैंड या स्लीव सबसे अच्छे होते हैं.
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एलिवेट
संभव हो तो मोच वाले अंग को हृदय से ऊपर उठाकर रखें. इससे सूजन को रोकने या कम करने में मदद मिल सकती है.
मोच को ठीक होने में कुछ दिन से लेकर एक महीना तक का समय लग सकता है. जैसे जैसे दर्द और सूजन कम होने लगे मोच आए अंग से काम लेना शुरू कर दें. मोच में धीरे धीरे सुधार आता है. दर्द कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर पेन किलर जैसे इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी) और एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) ले सकते हैं.
कब लें इमरजेंसी मेडिकल मदद (Get emergency medical assistance if)
-लिगामेंट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण मोच आए तो पैर वजन सहने में असमर्थ हो, जोड़ अस्थिर या सुन्न महसूस हो रहे हों.
-मोच वाली जगह से लालिमा या लाल धारियां विकसित हो रही हों, यह संक्रमण का संकेत हो सकता है.
-मोच आए जोड़ के ऊपर की हड्डी में दर्द हो रहा हो.
-दोबारा वहीं मोच आया हो जहां पहले भी कई बार मोच आ चुका हो.
-मोच काफी गंभीर हो.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.