Alcohol usage during pregnancy: गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के दौरान शराब का सेवन करने से बच्चे के जन्म संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अपनी स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया है कि गर्भवती मरीजों के कम से मध्यम मात्रा तक शराब का सेवन उनके बच्चों के जन्म से पहले के विकास के दौरान बदलावों पर भी असर डाल सकता है. इस मेडिकल रिसर्च और स्टडी की रिपोर्ट 'अल्कोहल क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च' पत्रिका में पब्लिश की गई थी.
मेडिकल रिसर्च और स्डटी से जुड़े बखिरेवा ने कहा, " फाइंडिंग्स के एनालिसिस के दौरान प्रेग्नेंसी की आयु पर प्रभाव पुरुष शिशुओं में अधिक स्पष्ट था. वहीं जन्म के समय के लिए यह असर महिलाओं पर ज्यादा गहरा था."उन्होंने आगाह किया कि इन प्रभावों की व्याख्या सावधानी से की जानी चाहिए. क्योंकि स्टडी में जेंडर-स्पेसिफिक एनालिसिस करने की सीमित सांख्यिकीय शक्ति और अन्य योगदान करने वाले कारकों के लिए ड्राफ्टिंग की चुनौतियां हैं.
हर हफ्ते 14 पैग को माना गया भारी मात्रा में शराब पीना
बखिरेवा ने कहा कि भारी मात्रा में शराब के सेवन के जन्म से पहले पड़ने वाले प्रभावों पर काफी रिसर्च हुआ है, जिसे आम तौर पर प्रति सप्ताह 14 पैग या अत्यधिक शराब पीने के रूप में परिभाषित किया जाता है. इसे हर मौके पर चार या उससे ज्यादा पैग के रूप में परिभाषित किया जाता है.
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रिसर्चर ने कहा, "हम भारी मात्रा में शराब के उपयोग के इन पहले की स्टडी से प्रसवपूर्व परिणामों, विशेष रूप से समय से पहले प्रसव (प्री-मैच्योर डिलीवरी) और भ्रूण के विकास में दिक्कतें, साथ ही न्यूरो डेवलपमेंट परिणामों पर प्रभाव के बारे में काफी कुछ जानते हैं, लेकिन हमने विशेष रूप से अधिक मध्यम शराब के सेवन पर ध्यान केंद्रित किया है. क्योंकि यह बहुत अधिक प्रचलित है."
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में ही बनते हैं भ्रूण के अहम अंग
बखिरेवा ने कहा कि प्रारंभिक गर्भावस्था विकासशील भ्रूण में अंगों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है, जो इसे शराब के जोखिम के लिए विशेष रूप से कमजोर विंडो बनाती है. उन्होंने कहा, "वैसे तो ज्यादातर पीने वाली महिलाओं को जब पता चलता है कि वे गर्भवती हैं तो वह सचेत हो जाती हैं. हा
लांकि, गर्भधारण करने से पहले शराब पीना भी काफी जोखिम भरा होता है. यह अध्ययन का एक अनोखा पहलू है. हमने गर्भधारण और प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान शराब पीने के पैटर्न को ध्यान से देखा है."
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बखिरेवा ने कहा कि रिसर्च में शामिल ज्यादातर प्रतिभागियों ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि वे गर्भवती हैं तो उन्होंने शराब पीना काफी हद तक कम कर दिया या बिल्कुल बंद कर दिया. हालांकि, कम शराब के साथ भी पुरुष और महिला दोनों तरह के नवजात शिशुओं में कुछ कमी देखी गईं.
जेंडर-स्पेसिफिक प्रभावों के लिए बड़े पैमाने पर सैंपल जुटाने की जरूरत स्टडी रिपोर्ट इस बात पर भी जोर देती हैं कि निष्कर्षों को दोहराने और जेंडर-स्पेसिफिक प्रभावों की आगे जांच करने के लिए देश और दुनिया भर में सैंपल को जुटाने और संयोजित करने वाले बड़े अध्ययनों की जरूरत है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)