Mental Health And Sleep: शरीर ही नहीं दिमाग को भी हेल्दी रखने के लिए जरूरी है नींद. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि लोगों को इंटरनेट पर समय बर्बाद करने के बजाय अपनी पूरी नींद लेनी चहिए. डॉक्टरों ने कहा कि मस्तिष्क को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करने के लिए सात घंटे की पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नींद की कमी से मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं. नींद के महत्व और इसकी कमी के कारण मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कामिनेनी हॉस्पिटल्स के कंसल्टिंग, न्यूरोसर्जन डॉ. एस रमेश ने कहा, नींद किसी भी व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या में सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है. नींद मस्तिष्क से संबंधित कई कामों के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी बताया कि उचित नींद न लेने से नई मेमोरी के साथ रिस्पांस सिस्टम को भी हानि होती है.
बता दें कि मस्तिष्क मानव शरीर और उसके कार्यों को कंट्रोल करता है. यह जानना महत्वपूर्ण है कि नींद मानव शरीर के हर पहलू और हर अंग को प्रभावित करती है, विशेष रूप से यह मस्तिष्क पर खास प्रभाव डालती है.
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विशाखापत्तनम के किम्स आइकॉन हॉस्पिटल के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सीएच विजय ने कहा, अच्छी नींद सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालती है. वहीं नींद की कमी मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों को प्रभावित करती है. उन्होंने कहा कि कई लोग मूड स्विंग की शिकायत लेकर आते हैं, उसका भी सीधा संबंध नींद की क्वालिटी और मस्तिष्क पर इसके प्रभाव से है.
विश्व मस्तिष्क दिवस के अवसर पर, मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. उच्छवास ट्रांजिशनल केयर के अध्यक्ष डॉ. ए. रामपापा राव ने कहा, मैं समझता हूं कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए सबसे बड़ा जोखिम अन्य कारणों के अलावा हाई ब्लड प्रेशर भी है. इसके साथ ही बदली हुई लाइफस्टाइल भी इसके पीछे जिम्मेदार है. वहीं नींद की कमी भी इसके महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि वे हर रोज कम से कम सात घंटे की अच्छी नींद लेने पर ध्यान दें, चाहे वे किसी भी फिल्ड में क्यों न हों. हमारा दृढ़ विश्वास है कि स्वस्थ मस्तिष्क और उसके बेहतर कामकाज को बनाए रखने के लिए स्वस्थ नींद की आदत सबसे महत्वपूर्ण है.
विश्व न्यूरोलॉजी फेडरेशन की स्थापना 22 जुलाई 1957 को हुई थी, लेकिन 2013 में ही फेडरेशन की सार्वजनिक जागरूकता और वकालत समिति ने प्रस्ताव रखा कि इसके स्थापना दिवस को विश्व मस्तिष्क दिवस के रूप में घोषित किया जाए.
इस वर्ष इस दिवस की थीम 'ब्रेन हेल्थ एंड प्रिवेंशन' थी. जिसमें न्यूरोलॉजिकल रोगों का एक्टिव रूप से आकलन और समाधान करने का मिशन शामिल है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)