Kam Sone Ke Nuksan: नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए बहुत जरूरी होती है. जैसे खाना और पानी जरूरी है, वैसे ही अच्छी नींद भी जरूरी है. अगर हम रोज़ ठीक से नहीं सोते, यानी कम नींद लेते हैं, तो इसका असर हमारे शरीर, दिमाग, मूड और सेहत पर बहुत बुरा पड़ सकता है.
कम सोने के नुकसान | Kam Sone Ke Nuksan
- कम सोने से रहेगी थकावट और आलस : कम नींद लेने से सबसे पहला असर शरीर में थकावट के रूप में दिखता है. इंसान पूरे दिन सुस्त और थका हुआ महसूस करता है. काम करने का मन नहीं करता और कोई भी चीज़ करने में मन नहीं लगता.जब हम ठीक से नहीं सोते, तो सबसे पहले इसका असर हमारे शरीर की ऊर्जा पर पड़ता है. सुबह-सुबह उठते ही अगर शरीर भारी लगे, आँखें जलती हों और मन ढंग से किसी काम में न लगे, तो समझ लीजिए कि नींद अधूरी रही है. कम नींद का मतलब है – अधूरा आराम, और अधूरे आराम का मतलब है – दिनभर की थकावट.
- कम सोने से होगी ध्यान न लगना और भूलने की आदत : जब नींद पूरी नहीं होती तो दिमाग ठीक से काम नहीं करता. पढ़ाई, काम या किसी भी चीज़ में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है. बच्चे हों या बड़े, अगर नींद कम हो तो याददाश्त कमजोर हो जाती है और चीज़ें भूलने लगते हैं. पढ़ने-लिखने या कोई भी मानसिक काम करने में ध्यान लगना मुश्किल हो जाता है. दिमाग बार-बार भटकता है, छोटी-छोटी बातें भूलने लगते हैं और किसी भी काम को खत्म करना भारी लगने लगता है. यही नहीं, कई बार बिना कारण गुस्सा आने लगता है या मन उदास सा रहने लगता है. कहने को तो यह मामूली बातें लगती हैं, लेकिन यही छोटी बातें आगे चलकर बड़ी समस्याएं बन सकती हैं. यह भी पढ़ें : Fast hair growth tips : बाल बढ़ाने के लिए रोजाना कितने बादाम खाने चाहिए आपको पता है?
- कम सोने होगा मूड खराब : कम नींद लेने से गुस्सा जल्दी आता है, चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है और मन उदास सा रहने लगता है. कई बार बिना वजह रोने या चिल्लाने का मन करता है. नींद पूरी न हो तो दिमाग को आराम नहीं मिल पाता और इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है.
- कम सोने से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है : नींद पूरी होने पर शरीर खुद को ठीक करता है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है. अगर नींद कम ली जाए, तो शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता. सर्दी, खांसी, बुखार जैसी चीज़ें बार-बार हो सकती हैं. नींद की कमी से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत भी कमजोर हो जाती है. ऐसे लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं. वायरल, बुखार, पेट की समस्या या सर्दी-जुकाम जैसी चीजें उन्हें आसानी से घेर लेती हैं. इसके अलावा, अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो दिल की बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं.
- कम सोने होंगी दिल और दिमाग की बीमारियां : लंबे समय तक नींद की कमी से दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. नींद की कमी से हार्मोन बिगड़ते हैं, जिससे शरीर का संतुलन खराब हो जाता है.
- कम सोने से वजन बढ़ सकता है : नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन अधिक बनने लगते हैं. इससे ज़्यादा खाने का मन करता है, खासकर तला हुआ और मीठा. इससे वजन बढ़ सकता है और मोटापा आ सकता है. कम नींद का एक और बड़ा असर यह है कि यह आपके खाने-पीने की आदतों को भी बिगाड़ देती है. जब शरीर थका होता है, तो वह ज्यादा ऊर्जा चाहता है, और ऐसे में अक्सर लोग जरूरत से ज्यादा खाना खाने लगते हैं. खासकर मीठा या फास्ट फूड जैसी चीजों की तलब बढ़ जाती है, जिससे वज़न बढ़ सकता है.
- कम सोने से होगा स्किन और चेहरे पर असर : नींद पूरी न होने से चेहरा थका हुआ, पीला और कमजोर दिखने लगता है. आँखों के नीचे काले घेरे (डार्क सर्कल्स) आ जाते हैं और त्वचा में चमक कम हो जाती है. चेहरे पर भी इसका असर साफ दिखाई देता है. आँखों के नीचे काले घेरे उभर आते हैं, चेहरा मुरझाया हुआ दिखता है और त्वचा की चमक धीरे-धीरे गायब होने लगती है. यह सब देखकर मन भी और ज्यादा भारी हो जाता है.
- सड़क हादसों का खतरा : सबसे खतरनाक बात ये है कि जो लोग गाड़ी चलाते हैं और नींद पूरी नहीं लेते, उनके साथ दुर्घटनाएं होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. नींद की झपकी कभी भी आ सकती है, और कुछ सेकंड की चूक भारी पड़ सकती है.
निष्कर्ष:
हर इंसान को रोज़ कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. बच्चों को 9 से 10 घंटे सोना चाहिए. नींद शरीर और दिमाग को आराम देती है और हमें स्वस्थ रखने में मदद करती है. इसलिए मोबाइल, टीवी या देर तक जागने की आदत छोड़नी चाहिए और समय पर सोकर नींद पूरी करनी चाहिए. अच्छी नींद मतलब अच्छा स्वास्थ्य. अच्छी नींद कोई आलस नहीं, बल्कि एक ज़रूरी आदत है. हर किसी को दिन में कम से कम सात से आठ घंटे की नींद ज़रूर लेनी चाहिए, और बच्चों को तो इससे भी ज़्यादा. रात में देर तक मोबाइल चलाना, टीवी देखना या बिना जरूरत जागते रहना, ये सब आदतें नींद को चुराती हैं और सेहत को धीरे-धीरे खोखला कर देती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)