बच्चा जिद्दी हो तो क्या करना चाहिए? बच्चों को कैसे कंट्रोल करें? पाएं सवालों के जवाब | कैसे बनाएं बच्चे को समझदार

Positive Parenting Tips: बच्‍चे का जिद्दी हो जाना, हर छोटी छोटी बात पर रोना, जो कह दिया उसे पूरा करने की जिद करना, कहीं पर भी अपनी बात मनवाने के लिए रोना शुरू कर देना अक्‍सर माता पिता के लिए परेशानी बन जाता है. और आजकल के माता पिता इस चीज से बड़े पैमाने पर जूझ रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 27 mins
How To Deal With A Stubborn Child: जिद्दी बच्‍चों को समझदार कैसे बनाएं, अपनाएं ये तरीके.

Positive Parenting Tips: बच्‍चे का जिद्दी हो जाना (Bachche iddi kyu ho jate hain), हर छोटी छोटी बात पर रोना, जो कह दिया उसे पूरा करने की जिद करना, कहीं पर भी अपनी बात मनवाने के लिए रोना शुरू कर देना अक्‍सर माता पिता के लिए परेशानी बन जाता है. और आजकल के माता पिता इस चीज से बड़े पैमाने पर जूझ रहे हैं. क्‍योंकि बच्‍चों ने घर से बाहर जाना कम कर दिया है, माता-पिता दोनों ही कामकाजी हैं और बच्‍चे पूरा दिन घर में बोर होते हैं. ऐसे में उनकी सारी एनर्जी गलत जगह लग जाती है. माता-पिता और बच्‍चों के बीच अक्‍सर एक बात की तकरार देखी गई है कि परिजन कहते हैं कि बच्‍चे बहुत जिद्दी (Jiddi Bachche) हो गए हैं, वही बच्‍चे कहते हैं कि उनके पेरेंट उन्‍हें समझते नहीं हैं. 

बच्चों के माता-पिता अक्सर बचपन के नखरे और जिद भरे रवैये से जूझते हैं. अगर आप उनमें से एक हैं, तो हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे टिप्‍स जिन्‍हें अपनाकर आप अपने जिद्दी बच्‍चे को समझदार बना सकते हैं. तो देर किस बात की चलिए समझते हैं कि जिद्दी बच्चे से कैसे निपटें.


कैसा होता है जिद्दी बच्‍चा, कैसे समझें कि आपका बच्‍चा जिद्दी है? (Jiddi Bachche ko Kaise Sudhare)

हर बच्‍चा जो किसी चीज के लिए रो रहा है वह जिद्दी हो यह जरूरी नहीं. कई बार जब आप जबरन अपनी पसंद उन पर थोपते हैं, तो वह कमजोर होने के चलते रोकर ही उससे मना करते हैं या अपना विरोध जताते हैं. तो अपनी पसंद नापसंद का ख्‍याल करने वाला बच्‍चा सजग है, जिद्दी नहीं. ऐसे में कोई भी कड़ा कदम उठाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपका बच्चा जिद्दी है या दृढ़ निश्चयी. मजबूत इरादों वाले बच्चे अत्यधिक बुद्धिमान और रचनात्मक हो सकते हैं. वे बहुत सारे सवाल पूछते हैं, जो विद्रोह के रूप में सामने आ सकते हैं. वहीं दूसरी ओर जिद्दी बच्चे अपनी बात पर अड़े रहते हैं और आपकी बात सुनने को तैयार नहीं होते. 

Advertisement

आप खुद भी समझें 

सबसे पहले तो आप भी इस बात को समझें कि बच्चों में जिद्दीपन स्वाभाविक है, लेकिन अब दूसरी बात ये कि स्‍वाभाविक होने से भी माता-पिता की मुश्किलें कम नहीं हो जातीं. बच्‍चे हर बात पर जिद करते हैं सोने जाना, नहाना या खाना जैसे नॉर्मल कामों के लिए भी उन्‍हें बहुत समझाना पड़ता है और कई बार तो बहस तक बात पहुंच जाती है. हर दिन इससे निपटना मुश्‍किल लगता है. ऐसे में जब भी बच्‍चा जिद के बाद कोई का कर दे तो इस तरह से उसकी सराहना करें क‍ि उसने कोई बहुत बड़ा काम कर दिया हो. और यह आपकी बात सुनने के लिए प्रेरित करेगा. उनकी कड़ी मेहनत और अच्छे व्यवहार की सराहना करते रहें. 

Advertisement

यह भी पढ़ें : बच्चा ज्यादा मोबाइल देखता है तो क्या करें? बच्‍चों की फोन देखने की आदत कैसे छुड़ाएं

Advertisement

शांत रहें

किसी उद्दंड, चिल्लाने वाले बच्चे पर चिल्लाना माता-पिता और बच्चे के बीच की सामान्य बातचीत को झगड़े में बदल देगा. आपका बच्चा आपकी प्रतिक्रिया को मौखिक लड़ाई के निमंत्रण के रूप में ले सकता है. इससे हालात और खराब ही होंगे. शांत रहने के लिए जो हो से वह करें - ध्यान करें, व्यायाम करें, या संगीत सुनें. घर पर शांत या आरामदायक संगीत बजाएं ताकि आपके बच्चे भी सुन सकें. कभी-कभी अपने बच्चे का पसंदीदा संगीत बजाएं. 

Advertisement

How do you deal with a stubborn child? अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात सुने, तो पहले आपको उनकी बात सुनने के लिए तैयार रहना होगा.

सुनने की कोशिश करें 

जिद्दी बच्चे को संभालने के लिए खुद को शांत रखें और व्यावहारिक दृष्टिकोण यानी कि प्रेक्‍ट‍िकल अप्रेच रखें. बच्‍चों को सिर्फ ऑर्डर न दें उनकी सुनें भी. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात सुने, तो पहले आपको उनकी बात सुनने के लिए तैयार रहना होगा. जिद्दी बच्चों की राय मजबूत हो सकती है और वे बहस करने की प्रवृत्ति रखते हैं. अगर उन्हें लगता है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है तो वे उद्दंड हो सकते हैं. जैसे अगर आपका बच्चा खाना नहीं खा रहा है या उसे खत्म करने में नखरे कर रहा है, तो अपने बच्चे को जबरदस्ती खाना न खिलाएं. इसके बजाय, उनसे पूछें कि वे खाना और सुनना क्यों नहीं चाहते - ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि वे चंचल हैं या उनके पेट में दर्द हो रहा है.

इसे भी पढ़ें : Mobile Addiction: हर वक्‍त मोबाइल के लिए रोता है बच्चा? ये आदत बिगाड़ सकती है बच्‍चे की मेंटल और फिजिकल हेल्थ, ऐसे कम करें बच्‍चों का स्‍क्रीन टाइम

उनके साथ जुड़ें, उन पर दबाव न डालें

जब आप बच्चों पर किसी चीज़ के लिए दबाव डालते हैं, तो वे विद्रोह करने लगते हैं और वह सब कुछ करने लगते हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए. इस व्यवहार को सबसे अच्छी तरह से परिभाषित करने वाला शब्द काउंटरविल है, जो जिद्दी बच्चों का एक सामान्य लक्षण है. जैसे अपने सात साल के बच्चे को, जो सोने से पहले टीवी देखने की जिद करता है, जबरदस्ती करने से मदद नहीं मिलेगी. इसके बजाय, उनके साथ बैठें और वे जो देख रहे हैं उसमें रुचि दिखाएं. जब आप अपनी परवाह दिखाते हैं, तो बच्चे प्रतिक्रिया देने की संभावना रखते हैं. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Rajasthan News: Jaipur के Amer में हाथियों की सवारी महंगी हो सकती है | Metro Nation @10