तनाव में गुजरता है आपका दिन, चिड़चिड़ा हो गया मिजाज, तो स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करने के लिए मददगार हैं 2 योगासन

Yoga poses to boost mental health: फिट रहने के लिए शरीर के साथ ही मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना भी जरूरी है. ऐसे में स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करने के लिए आप इन दो योग आसन की मदद ले सकते हैं.  

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स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करने के लिए योगासन की मदद ले सकते हैं.

Stress Dur Karne Wale Yogasan: आज के दौर की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस (Stress) और एंग्जायटी होना बहुत ही आम बात है, लेकिन बड़ी बात ये कि इस पर ध्यान कम लोग ही दे पाते हैं. जबकि फिजिकल हेल्थ के साथ ही अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी होता है. जिससे आप शारीरिक और मानसिक (Mental Health) रूप से खुद को फिट रखने में कामयाब हो सकें. ऐसे में आप चाहें तो स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करने के लिए योगासन की मदद ले सकते हैं. इंटरनेशनल योगा डे (International Yoga Day) अब कुछ ही दिन दूर है ऐसे में हम यहां 2 योगासनों के बारे में बता रहे हैं जो मन को शांत रखने में आपकी मदद कर सकते है.

मेंटल हेल्थ को बेहतर करने में मददगार योगा पोज (These Yoga Poses Can Boost Mental Health)

वज्रासन

स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करने के लिए आप वज्रासन कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछा लें और घुटने टेककर मैट पर बैठ जाएं. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और घुटनों को पीछे की ओर रखें. अब हिप्स को अपनी एड़ी पर टिका लें और पैरों को एक-दूसरे से दूर रखें. हथेलियों को अपनी जांघों पर रखें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. योगासन के समय सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधी रेखा में रखें और कुछ मिनट इसी पोजिशन में बने रहें. इस प्रक्रिया को रोजाना कुछ देर दोहराएं. इस योगासन को करने से जहां स्ट्रेस और एंग्जायटी में आराम मिलता है, तो वहीं  डाइजेशन में भी काफी सुधार होता है.

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पद्मासन

तनाव को दूर करने में पद्मासन भी मददगार होता है. इस योगासन को करने से मेंटल स्ट्रेस दूर होता है और मन में एकाग्रता बढ़ती है. इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और दाएं पैर को मोड़ लें. अब दांयी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें और बाएं पैर को मोड़कर बायीं एड़ी को दायीं जांघ पर रख लें. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें. अब हाथ की उंगलियों से ज्ञान मुद्रा बनाते हुए हाथों को अपने घुटनों पर रख लें. ध्यान रहे आपकी कोहनियां बिल्कुल भी नहीं मुड़नी चाहिए. अब गहरी-गहरी सांस लेकर छोड़ें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें. कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में रहें और इसको रोजाना दोहराएं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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