International Epilepsy Day 2024: मिर्गी अटैक्स को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में करने होंगे आपको ये बदलाव

International Epilepsy Day: अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस एक जागरूकता अभियान है जो हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को आयोजित किया जाता है.

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Epilepsy Day: मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है.

International Epilepsy Day 2024: मिर्गी बार-बार दौरे पड़ने की एक न्यूरोलॉजिकल कंडिशन है. ये दुनियाभर में लाखों लोग इस समस्या से परेशान हैं. जबकि मिर्गी के लिए दवा प्राइमरी मेडिकल ट्रीटमेंट है, एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से इलाज में काफी मदद मिल सकती है और दौरों को मैनेज किया जा सकता है. लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों को अपनाने से न सिर्फ इस कंडिशन को ठीक करने में मदद मिल सकती है बल्कि ऑलओवर हेल्थ को सुधारा जा सकता है.

मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को अपनानी चाहिए ये आदतें:

अपना स्लीपिंग पैटर्न सुधारें: नींद हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह काफी मायने रखती है. स्लीप पैटर्न में गड़बड़ी या नींद की कमी कुछ मामलों में अटैक्स को ट्रिगर कर सकती है. हर रात 7-9 घंटे की क्वालिटी वाली नींद का टारगेट रखें और एक कम्फर्टेबल स्लीप रूटीन बनाने से स्लीप क्वालिटी में सुधार और अटैक की इंटेंसिटी को कम करने में मदद मिल सकती है.

स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्नीक: मिर्गी के दौरे के लिए तनाव एक आम ट्रिगर है. ध्यान, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग जैसी एक्टिविटीज स्ट्रेस कम करने में मदद कर सकती हैं. यह भी पढ़ें: बस करें ये 3 काम, कान के अंदर की गंदगी खुद निकलने लगेगी बाहर, जानिए कान साफ करने के कारगर घरेलू नुस्खे

रेगुलर एक्सरसाइज करें: मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फिजिकल एक्टिविटीज से कई लाभ होते हैं. रेगुलर एक्सरसाइज स्ट्रेस को कम करने, मूड में सुधार करने, हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने और बेहतर स्लीप क्वालिटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.

शराब के सेवन को ना कहें: शराब और कुछ रिक्रिएशनल ड्रग्स अटैक्स का खतरा बढ़ा सकते हैं. शराब के सेवन और नशीली दवाओं के उपयोग को सीमित करने या उससे बचने से अटैक्स को कम किया जा सकता है.

बैलेंस डाइट लें: कैफीन, शुगर फूड्स से दूर रहें. अपने ट्रिगर्स को पहचानें. कुछ मामलों में केटोजेनिक डाइट को अपनाना, जिसमें फैट की मात्रा ज्यादा, प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो, अटैक्स पर कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद हो सकता है.

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दवा लेना: मिर्गी को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए हेल्थ केयर प्रोफेशन्स द्वारा दी गई दवाएं लगातार लेना जरूरी है. अचानक दवा बंद करने से अचानक दौरे पड़ने का खतरा बढ़ सकता है.

मेडिकल मॉनिटरिंग करें: अटैक्स की निगरानी करने, जरूरत के अनुसार दवाओं को एडजस्ट करने और मिर्गी से संबंधित किसी भी चिंता या जटिलता को मैनेज करने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट या मिर्गी रोग विशेषज्ञ सहित हेल्थ केयर प्रोवाइडर से चेकअप करवाएं. यह भी पढ़ें: बालों के झड़ने से गंजी होने लगी है खोपड़ी, तो घर बैठे करें ये काम, Hair Fall पर लगेगी लगाम, उगने लगेंगे नए बाल

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जबकि मिर्गी डेली लाइफ में चुनौतियां ला सकती है, नींद, स्ट्रेस मैनेजमेंट, फिजिकल एक्टिविटी, डाइट, दवा जैसे कारकों को प्राथमिकता देकर, मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति अपनी कंडिशन को बेहतर ढंग से कंट्रोल करने और अपने जीवन पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए खुद को सशक्त बना सकते हैं.

(डॉ. सिबी गोपीनाथ, मिर्गी रोग विशेषज्ञ और अमृता अस्पताल, कोच्चि में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर)

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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