डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है. क्योंकि वो हमारे इलाज और हमारी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. लेकिन जब डॉक्टर और रोबोट में चुनने की बात आती है तो अक्सर हमारे मन में ये सवाल उठता है कि क्या डॉक्टर जितना भरोसा हम रोबोट पर कर सकते हैं. लेकिन अब शायद आप को भी भरोसा हो जाए. क्योंकि हाल ही में एसएस इनोवेशन्स द्वारा निर्मित 'मेड-इन-इंडिया' सर्जिकल रोबोट सिस्टम एसएसआई मंत्रा ने सफलतापूर्वक 100 रोबोटिक कार्डियक सर्जरी पूरे कर लिए हैं. कंपनी एसएस इनोवेशन्स ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.
एसएस इनोवेशन के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा, यह उपलब्धि हमारे लिए बहुत गर्व की बात है और यह सर्जरी के क्षेत्र में भारत को एक नई दिशा देने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है ''एसएसआई मंत्रा के साथ हमारा मकसद रोबोटिक सर्जरी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना है. ''उन्होंने कहा, ''एसएसआई मंत्रा की डिजाइन इसे कॉम्प्लिकेटेड हृदय संबंधी सर्जरी करने में सक्षम बनाती है. कार्डियक सर्जरी के लिए अक्सर बड़े सर्जिकल कट्स लगाए जाते हैं.''
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सर्जिकल रोबोट सिस्टम एसएसआई मंत्रा का ग्लोबल लेवल पर 1,000 से अधिक प्रक्रियाओं में उपयोग किया जाता है. इसने अब तक एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बाईपास, आंतरिक स्तन धमनी टेकडाउन, माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट और द्विपक्षीय आंतरिक स्तन धमनी टेकडाउन जैसी सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया है. डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, ''इस सर्जिकल रोबोट सिस्टम एसएसआई मंत्रा का मकसद सर्जरी को बेहतर तरीके से पूरा करना, खून को कम बहने देना, जल्दी रिकवरी और कम लागत में मरीज को बेहतर रिजल्ट देना है. कंपनी 2025 की शुरुआत में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और यूरोप में सीई मार्क से अप्रूवल की उम्मीद कर रही है.''
रिसर्चएंडमार्केट्स के अनुसार, ग्लोबल सर्जिकल रोबोटिक्स बाजार का साइझ 2022 में 78.8 बिलियन डॉलर था और 2032 तक इसके 188.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023 से 2032 तक 9.1 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है.
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