How to Get Rid of Period Cramps: दादी-नानी का आजमाया हुआ नुस्खा, जो देगा मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स से राहत

How to Get Rid of Period Cramps: अगर आप मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स से राहत के लिए दवा पर निर्भर नहीं रहना चाहती हैं तो घरेलू उपाय इसमें मदद कर सकता है. प्याज की चाय इससे छुटकारा दिलाने का सबसे अच्छा उपाय है.

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How to Get Rid of Period Cramps: प्याज की चाय आपको पीरियड के दर्द से देगी राहत.

How to Get Rid of Period Cramps: प्याज (Onion) लगभग हर भारतीय रसोई में उपयोग किया जाता है. कई पोषक गुणों से भरपूर प्याज एक लाजवाब सब्जी है जिसे सलाद और ग्रेवी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इससे केवल हमारी ग्रेवी को ही टेस्टी नहीं होती है बल्कि यह दर्द से तुरंत छुटकारा (Pain Relief) भी दिला सकता है. खासकर मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स (Menstrual Cramps) में राहत पाने में इससे मदद मिलती है. मेंस्ट्रुअल साइकिल हर महिला के जीवन का अभिन्न अंग है, लेकिन कई महिलाओं को इस समय भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है जिसे मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स कहते हैं.

Home Remedies for Menstrual Cramps: हालांकि ऐसी दवाओं की कोई कमी नहीं है जो तुरंत राहत दे सकती हैं, लेकिन उनके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. ऐसे घरेलू उपाय (Home Remedies) ज्यादा सुरक्षित और बेहतर साबित हो सकते हैं. इसके लिए प्याज की चाय (Onion Tea) वर्षों से आजमाया हुआ नुस्खा है.

प्याज की चाय आपको पीरियड के दर्द से देगी राहत | Onion Peel Tea for Menstrual Cramps


ऐसे करता है काम

विशेषज्ञों के अनुसार प्याज की चाय में कुछ ऐसी चीज़ होती हैं जो मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स के लिए काम कर सकती हैं. प्याज की स्किन में फेनोलिक कंपाउंड्स होते हैं, उनमें क्वेरसेटिन और अन्य फ्लेवोनोइड मुख्य हैं. इनमें औषधीय गुण होते हैं. यहां तक कि प्याज का छिलका भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. यह अपने सूजनरोधी प्रभावों के लिए भी जाना जाता है. इसलिए प्याज की चाय से मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स में राहत मिलती है.

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मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स का कारण (Menstrual cramps - Symptoms and causes)

मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स के कई कारण हो सकते हैं.  पीरियड्स के दौरान गर्भाशय में सिकुड़न होती है जिससे यूट्रल लाइनिंग बाहर निकले.  इसके साथ ही  क्रैम्प्स का कारण प्रोस्टाग्लैंडिंस के अधिक प्रोडक्शन भी हो सकता है. पीरियड्स शुरू होने से पहले यूट्रस के एंडोमेट्रियल सेल्स टूटते हैं, इससे ज़्यादा मात्रा में प्रोस्टाग्लैंडिंस रिलीज होता है. ये पदार्थ ब्ल्ड वैसेल्स को सिकोड़ने लगते हैं या छोटा बना देती हैं जिससे मांसपेशियों में सिकुड़न होती है और भयंकर दर्द होता है.

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