Sleep Hacking: 4 घंटे की नींद में 8 घंटे का रेस्ट कैसे? क्या ये हेल्दी है या सिर्फ सेहत के साथ किया गया एक धोखा? जानिए

Sleep Hacking Techniques: 4 घंटे की नींद को कुछ लोग इसे सुपरह्यूमन प्रोडक्टिविटी का राज मानते हैं, तो कुछ इसे हसल कल्चर का नया धोखा. तो क्या वाकई ऐसा संभव है? क्या कम नींद लेकर भी शरीर और दिमाग को पूरा आराम मिल सकता है? आइए इस ट्रेंड को समझते हैं.

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Sleep Hacking Techniques: क्या कम नींद लेकर भी शरीर और दिमाग को पूरा आराम मिल सकता है?

Sleep Hacking Techniques: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में आप लोग जिस चीज से सबसे ज्यादा समझौता कर रहे हो वह है आपकी नींद. आज के समय में लोग हर चीज को हैक करना चाहते हैं, काम, फिटनेस, फोकस और अब नींद भी. सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड वायरल हो रहा है जिसे कहते हैं स्लीप हैकिंग. इसमें दावा किया जाता है कि आप सिर्फ 4 घंटे सोकर भी उतना ही तरोताजा महसूस कर सकते हैं जितना 8 घंटे की नींद के बाद. कुछ लोग इसे सुपरह्यूमन प्रोडक्टिविटी का राज मानते हैं, तो कुछ इसे हसल कल्चर का नया धोखा. तो क्या वाकई ऐसा संभव है? क्या कम नींद लेकर भी शरीर और दिमाग को पूरा आराम मिल सकता है? आइए इस ट्रेंड को समझते हैं.

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स्लीप हैकिंग क्या है?- (What Is Sleep Hacking?)

स्लीप हैकिंग का मतलब है: नींद के पैटर्न को इस तरह बदलना कि आप कम समय में ज्यादा रेस्ट पा सकें. इसमें कई तरीके अपनाए जाते हैं:
पॉलीफेजिक स्लीप: दिन में कई बार छोटी-छोटी नींद लेना (जैसे 20-30 मिनट की पावर नैप्स)
बायोहैकिंग सप्लीमेंट्स: मेलाटोनिन, मैग्नीशियम जैसी चीजों से स्लीप क्वालिटी बढ़ाना.
स्लीप ट्रैकिंग गैजेट्स: स्मार्ट वॉच या ऐप्स से नींद की गहराई और साइकल को मॉनिटर करना.

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स्लीप हैकिंग के क्या फायदे हो सकते हैं? (What Are The Benefits of Sleep Hacking?)

  • समय की बचत हो सकती है.
  • आप दिन में ज्यादा काम कर सकते हैं.
  • कुछ लोग कहते हैं कि वे ज्यादा फोकस्ड और एनर्जेटिक महसूस करते हैं.
  • पावर नैप्स से अलर्टनेस बढ़ सकती है

लेकिन, ये फायदे सभी के लिए नहीं होते और लंबे समय तक ऐसा करना खतरनाक हो सकता है.

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कम नींद लेने के नुकसान क्या हैं? (What Are the Disadvantages of Less Sleep?

  • थकान और चिड़चिड़ापन: मूड स्विंग्स और गुस्सा बढ़ता है.
  • इम्यून सिस्टम कमजोर: बार-बार बीमार पड़ना.
  • याददाश्त पर असर: फोकस और लर्निंग क्षमता घटती है.
  • हार्मोनल असंतुलन: वजन बढ़ना, स्ट्रेस हार्मोन बढ़ना.
  • दिल की बीमारी का खतरा: ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ सकता है.

साइंस क्या कहता है?

  • 18 से 60 साल के लोगों को रोजाना 7–9 घंटे की नींद लेना जरूरी है.
  • नींद के दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है, दिमाग पुरानी यादों को प्रोसेस करता है और हार्मोन बैलेंस होते हैं.
  • लगातार कम नींद लेने से क्रॉनिक स्लीप डेफिसिट हो सकता है, जिससे मानसिक और शारीरिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है.

स्लीप हैकिंग स्मार्टनेस नहीं सेहत से समझौता

4 घंटे की नींद में 8 घंटे का रेस्ट पाना सुनने में आकर्षक लगता है, लेकिन यह हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है. अगर आप इसे आजमाना चाहते हैं, तो डॉक्टर या स्लीप एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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