कितनी होगी आपके बच्चे की लंबाई? इन फैक्टर्स पर निर्भर करती है इंसान की हाइट? जानें साइंटिफिक फैक्ट्स

मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट इस सवाल पर कम शब्दों में बताते हैं कि लोगों की लंबाई में लगभग 60 से 80 प्रतिशत अंतर आनुवंशिक कारकों की वजह से तय होता है, जबकि 20 से 40 प्रतिशत का कारण पर्यावरण प्रभाव और मुख्य रूप से पोषण हो सकता है.

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किन चीजों पर निर्भर करती हैं किसी इंसान की लंबाई.

How Tall Will My Child Be: Predicting Height: दुनिया भर में लोगों की लंबाई को लेकर कई तरह के फर्क देखने को मिलते हैं. कहीं ज्यादातर ऊंचे-लंबे कद वाले लोग होते हैं तो कई इलाकों में छोटे या कम हाइट के लोग बहुतायत में रहते हैं. इसलिए इंसानों की लंबाई में अंतर को लेकर तमाम तरह के सवाल सामने आते रहते हैं. इनमें से एक सबसे प्रमुख सवाल है कि मनुष्य की लंबाई में कितने अंतर के लिए आनुवंशिक प्रभाव जिम्मेदार है और पोषण या न्यूट्रिशंस कितना कारगर फैक्टर होता है.

मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट इस सवाल पर कम शब्दों में बताते हैं कि लोगों की लंबाई में लगभग 60 से 80 प्रतिशत अंतर आनुवंशिक कारकों की वजह से तय होता है, जबकि 20 से 40 प्रतिशत का कारण पर्यावरण प्रभाव और मुख्य रूप से पोषण हो सकता है. हालांकि, यह जवाब भी मैथमेटिकल है और इसके कैलकुलेशन को पूरी तरह सटीक नहीं माना जा सकता है. क्योंकि, ह्यूमन हाइट की यह थ्योरी भी "आनुवंशिकता" के अनुमान पर आधारित है.

इन फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं किसी इंसान की लंबाई  (Height of a person depends on these factors)


इंसानों की लंबाई के बारे में आनुवंशिकता का अनुमान क्या है

इंसानों की लंबाई एक मात्रात्मक या मीट्रिक विशेषता है. यानी एक विशेषता जिसे मात्रा में मापा जाता है और कई जीन और पर्यावरणीय फैक्टर्स द्वारा कंट्रोल किया जाता है. इस बारे में कई स्टडी ने हाइट की आनुवंशिकता का अनुमान लगाया है. अक्सर, ये अध्ययन बेहद करीबी रिश्तेदारों (जुड़वां, भाई-बहन, माता-पिता और संतान) के बीच बराबरी की डिग्री का अनुमान लगाकर आनुवंशिकता निर्धारित करते हैं. आनुवंशिक रूप से समान रिश्तेदार कितने समान हैं, इसे सटीक रूप से मापने के लिए, कोई उनके आनुवंशिक मार्करों की संख्या को माप सकता है.

ऑस्ट्रेलियाई जुड़वां बच्चों और भाई-बहनों के कद पर ऑस्ट्रेलिया में रिसर्च

ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के पीटर एम. विचर ने हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई जुड़वां बच्चों और भाई-बहनों के 3,375 जोड़े के आधार पर बताया कि कद या लंबाई की आनुवंशिकता 80 प्रतिशत है. इस अनुमान को निष्पक्ष माना जाता है, क्योंकि यह जुड़वा बच्चों और भाई-बहनों की एक बड़ी आबादी और आनुवंशिक मार्करों के बड़े सर्वेक्षण पर आधारित था. अमेरिका में, श्वेत पुरुषों के लिए लंबाई की आनुवंशिकता 80 प्रतिशत अनुमानित की गई थी. ये अनुमान फिनिश जुड़वां बच्चों के 8,798 जोड़ों के एक और अध्ययन से अच्छी तरह समर्थित हैं. इसमें आनुवंशिकता पुरुषों के लिए 78 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 75 प्रतिशत थी.

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अलग-अलग जातीय आबादी की आनुवंशिक पृष्ठभूमि अलग-अलग

अलग-अलग जातीय आबादी की आनुवंशिक पृष्ठभूमि अलग-अलग होती है. वे अलग-अलग वातावरण में भी रहते हैं. हालांकि, कद की आनुवंशिकता एक आबादी से दूसरी आबादी और यहां तक कि पुरुषों से महिलाओं में भी अलग-अलग हो सकती है. एशियाई आबादी में, लंबाई की आनुवंशिकता 80 प्रतिशत से बहुत कम है. आनुवंशिकता में ऐसी विविधताएं मुख्य रूप से जातीय समूहों की अलग-अलग आनुवंशिक बैकग्राउंड और उनके द्वारा अनुभव किए जाने वाले खास वातावरण (जलवायु, फूड हैबिट और लाइफस्टाइल) के कारण होती हैं.

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80 प्रतिशत आनुवंशिक वेरिएंट के कारण बढ़ती है लंबाई

चीन में हुनान नॉर्मल यूनिवर्सिटी के मियाओ-शिन ली और उनके सहयोगियों ने साल 2004 में 385 परिवारों की चीनी आबादी के आधार पर लंबाई की आनुवंशिकता 65 प्रतिशत का अनुमान लगाया था. 1978 में इंग्लैंड में न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के डी. एफ. रॉबर्ट्स और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, अफ्रीकी आबादी में लंबाई की आनुवंशिकता भी कम है. हालांकि, साइंटिस्ट का मानना है कि लंबाई 80 प्रतिशत आनुवंशिक वेरिएंट के कारण होता है, जबकि एक सेंटीमीटर पोषण जैसे पर्यावरणीय प्रभावों के कारण होता है.

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माता-पिता की लंबाई पता हो तो लगा सकते हैं बच्चों की लंबाई का अनुमान

अगर माता-पिता की लंबाई पता हो तो आनुवंशिकता का उपयोग किसी व्यक्ति की ऊंचाई का अनुमान लगाने के लिए भी किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, मान लें कि 175 सेमी लंबा एक पुरुष 165 सेमी लंबी महिला से शादी करता है, और दोनों चीनी आबादी से हैं, जहां पुरुषों के लिए जनसंख्या का औसत 170 सेमी और महिलाओं के लिए 160 सेमी है. हम उनके बच्चों की लंबाई का अनुमान लगा सकते हैं. बेशक, ये भविष्यवाणियां केवल दो भाई-बहनों  में से हरेक के लिए औसत अपेक्षित कद को दर्शाती हैं. हकीकत में देखी गई लंबाई अलग हो सकती है.

बचपन में लंबाई बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रोटीन

बचपन में लंबाई बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रोटीन है. खनिज, विशेष रूप से कैल्शियम और विटामिन ए और डी भी लंबाई को प्रभावित करते हैं. इस वजह से बचपन में कुपोषण लंबाई के लिए नुकसानदेह होता है. आमतौर पर, लड़के अपनी किशोरावस्था के आखिर में अधिकतम कद तक पहुंचते हैं, जबकि लड़कियां अपनी किशोरावस्था के बीच में ही अपनी अधिकतम लंबाई तक पहुंचती हैं. इस तरह, जवान होने से पहले पर्याप्त पोषण लंबाई के लिए अहम जरूरत है. इसके अलावा,  बचपन की बीमारियां और हार्मोन भी लंबाई बढ़ने से जुड़े अहम फैक्टर हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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