वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज ने बताया मन में आने वाले गंदे, उल्टे और बुरे विचारों से कैसे पाएं छुटकारा

शारीरिक तौर पर वजन घटाने, फिट होने और सेहतमंद बने रहने के लिए लोगों के पास कई सारे तरीके हैं. बाहर से दिखने के लिए इससे जुड़ी समस्याओं के बा में आसपास के लोग भी आगाह कर देते हैं, लेकिन मानसिक सेहत को लेकर ज्यादातर मामले दबे रह जाते हैं.

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संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया मन में आने वाले गंदे, उल्टे और बुरे विचारों से कैसे पाएं छुटकारा?

वृंदावन में रहने वाले महान, प्रसिद्ध और सोशल मीडिया पर काफी देखे-सुने जाने वाले संत प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) ने अपने सतसंग (Premanand Maharaj Satsang) में मन को ठीक रखने के उपाय बताए हैं. एक भक्त ने जब उनसे पूछा कि आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मन बहुत विचलित होने लगता है, मन में गंदे, उल्टे और बुरे विचारों का डेरा लगने लगता है तो प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) ने उसे भटकाव से बचने और मन को शांत रखने के तरीके बताए. इसे अपनाकर आप भी अपने मन में आने वाले गंदे, उल्टे और बुरे विचारों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं.

संत प्रेमानंद जी महाराज से जानें मन को गंदे, उल्टे और बुरे विचारों से बचाने के तरीके क्या हैं?

गमभाग और गलाकाट कंपीटिशन से भरे मौजूदा दौर में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक सेहत को ठीक बनाए रखने की चुनौती भी बढ़ती जा रही है. शारीरिक तौर पर वजन घटाने, फिट होने और सेहतमंद बने रहने के लिए लोगों के पास कई सारे तरीके हैं.

बाहर से दिखने के लिए इससे जुड़ी समस्याओं के बा में आसपास के लोग भी आगाह कर देते हैं, लेकिन मानसिक सेहत को लेकर ज्यादातर मामले दबे रह जाते हैं. इसके बारे में लोग जल्दी खुलकर बातें भी नहीं कर पाते. ज्यादातर लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह रहता है कि मन में आने वाले गंदे, उल्टे और बुरे विचारों से कैसे छुटकारा पाएं?

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संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताए मन को साधने के कारगर उपाय

प्रेमानंद जी महाराज ने भक्त के जरिए तमाम लोगों से कहा कि संसार में मन को भरमाने वाले कई साधन हैं. उनका मनोरंजन मन को पसंद आने लग जाता है. इसमें मन की कोई गलती नहीं है. हालांकि, हम जहां भी अपने मन को लगाना चाहें मन वहां लगने लगता है, लेकिन जब हम अध्यात्म की ओर मन को लगाते हैं तो यह संसार में रमे हुए मन को पसंद नहीं आता है.

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इसलिए वह विचलित होता है और भटकने लगता है. शुरुआत में इधर-उधर भाग रहे मन को ठीक करने के हमारी खुद की जिम्मेदारी होती है. फिर मन आपके हिसाब से राजी होने लगता है. इसलिए अच्छे विचारों और कामों का अभ्यास करते सहना चाहिए.

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मन को लगातार अच्छे कामों में लगाए रखने के लिए जप का सहारा

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि मन को एक के बाद एक लगातार अच्छे कामों और विचारों में लगाते रहना चाहिए. नहीं तो वह अपनी आदत के मुताबिक भटकता और गंदे, उल्टे और बुरे विचारों की ओर जाता रहेगा. आप मन की मानेंगे तो वह आपको अपने हिसाब से जलाने लगेगा.

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इस जलन को सहते हुए मन को अच्छे रास्ते पर लगाए रखना पड़ता है. अच्छे विचारों का सपोर्ट करने और बुरे विचारों के वक्त उसके जलन को सह लेने से मन धीरे-धीरे ठीक होने लगता है. मन को साफ और अच्छा करने में नाम जप सबसे ज्यादा मदद करता है.

सतसंग और साधना के जरिए साफ और बेहतर होने लगता है मन

संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मन संसार के भोगों में भिलाकर आपको भटकाने की कोशिश करता है, लेकिन आपको मन को अध्यात्म के जरिए वश में रखने की जरूरत होती है. जो मन को साध लेता है वही साधक होता है. इसके लिए नियमित तौर पर सतसंग करने की जरूरत होती है.

इसलिए मन में आने वाले गंदे, उल्टे और बुरे विचारों की चिंता किए बगैर लगातार सतसंग में आना चाहिए, भगवान का नाम जप करना चाहिए और अपनी साधना के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना चाहिए. इसके आगे की जिम्मेदारी भगवान खुद संभाल लेते हैं. हमें भगवान की कृपा से ही सतसंग का मौका मिलता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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