Heart Attack का मतलब दिल की धड़कन का रुकना नहीं, Doctor ने बताया अटैक आने पर क्या होता है, जानें सबसे पहले क्या करें

Heart Attack: क्या हार्ट अटैक आने के बाद इंसान को बचाया जा सकता है और क्या हार्ट अटैक आने के बाद इंसान आगे हेल्दी लाइफस्टाइल जी सकता है. हार्ट अटैक क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं, एनडीटीवी ने इस बार में विस्तार से चर्चा की कार्डियोलॉजिस्ट विकास ठाकरान से.

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Heart Attack: हार्ट अटैक तब होता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली तीन आर्टरी में ब्लॉकेज आ जाती है.

Hear Health: किसी को भी हार्ट में दर्द और चुभन महसूस हो तो ज्यादातर लोग उसे हार्ट अटैक ही कहते हैं. खासतौर उन वीडियोज के वायरल होने के बाद जब किसी शख्स की बैठे बैठे, डांस करते हुए या बात करते हुए अचानक मौत हो जाती है. तब ऐसे वीडियोज को देखकर पहला रिएक्शन या सवाल यही होता है कि क्या इसकी वजह हार्ट अटैक है. इन सवालों के जवाब से पहले ये जान लेना चाहिए कि क्या हार्ट अटैक से तुरंत मौत होती है? क्या हार्ट अटैक आने के बाद इंसान को बचाया जा सकता है और क्या हार्ट अटैक आने के बाद इंसान आगे हेल्दी लाइफस्टाइल जी सकता है. हार्ट अटैक क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं, एनडीटीवी ने इस बार में विस्तार से चर्चा की कार्डियोलॉजिस्ट विकास ठाकरान से.

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सवाल- हार्ट अटैक क्या होता है?

जवाब- आम जीवन में तीन अलग अलग टर्म यूज किए जाते हैं हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर. इसमें दिल का दौरा यानी कि हार्ट अटैक तब होता है जब दिल को खून पहुंचाने वाली तीन नाड़ियों (आर्टरी) में से किसी में ब्लॉकेज आ जाता है. और दिल तक सुचारू रूप से खून न पहुंच पाए. इस स्थिति में मरीज को छाती में दर्द महसूस होता है. पसीना भी आता है और घबराहट भी महसूस होती है. जब दिल तक खून नहीं पहुंचता है तो दिल का वो हिस्सा जहां ब्लड सप्लाई नहीं हुई है वहां डेड होने लगता है. ये अवस्था हार्ट अटैक कहलाती है. ऐसी सूरत में ब्लॉकेज वाली नस को खोल दें, एंजियोप्लास्टी या ब्लड थिनर द्वारा तो दिल रिक्वरी कर सकता है.

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सवाल- इस अवस्था में क्या करें?

जवाब- जब भी हार्ट अटैक के लक्षण दिखें, ये ध्यान रखना जरूरी होता है कि पहला घंटा बहुत जरूरी है. एंजियोप्लास्टी या किसी अन्य इलाज के लिए इस समय का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है. इस पहले घंटे को गोल्डन अवर भी कहा जाता है. जैसे ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखें और ईसीजी से कंफर्म हो जाए तो उसी समय इलाज लें. पहले घंटे के इलाज के बाद बहुत से लोगों का दिल का स्टेटस जो होता है वो बच जाता है. दिल नॉर्मल रह जाता है. जैसे जैसे इलाज में देरी होती है सेल्स डेड होने लगते हैं. दिल कमजोर होने लगता है. 12 से 24 घंटे बीतने के बाद दिल की पंपिंग नहीं सुधारी जा सकती. इसलिए दिल के मामले में सबसे ज्यादा जरूरी टाइमली इंटरवेंशन जरूरी है.

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(डॉ. विकास ठाकरान, मैक्स, बीएलके में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट)

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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