Happy International Women's Day 2023: आपकी बढ़ती बिटिया जिंदगी का हर रंग, हर बदलाव अपनी मां की आंखों से ही देखती है. अक्सर कुछ सवाल ऐसे होते हैं जिनका जवाब कहीं और से नहीं मिल सकता. ऐसे समय में एक मां ही होती है जिसमें बेटी को हर सवाल का जवाब दिखाई देता. उन जवाबों की उम्मीद में जब बेटी कुछ सवाल करे तो नजरें चुरा कर कोई पुरानी आरामदायक थ्योरी बताने की जगह उसे सही बातें समझाएं. आपकी ये अप्रोच आपकी बेटी को ज्यादा कॉन्फिडेंट भी बनाएगी और उसे ज्यादा सेफ भी रखेगी. इसलिए हर मां को अपनी बेटी का दोस्त बनने की शुरुआत कर कुछ बातें बेटी से जरूर शेयर करनी चाहिए.
वूमन्स डे पर जानिए क्यों नहीं छिपानी चाहिए बेटी से ये बातें | Know Why These Things Should Not Be Hidden From The Daughter
1) पीरियड्स के बारे में करें बात
इस दौर से हर लड़की को गुजरना ही है. ऐसे में बढ़ती बच्ची से इन बातों को छुपाने की जगह उसे पहले से ही इन चीजों के लिए तैयार करें, ताकि आपकी गैरमौजूदगी में, स्कूल में या खेलते हुए कभी पीरियड की शुरुआत का अहसास हो तो वो घबराए नहीं. बल्कि इस वक्त को फेस करने के लिए रेडी रहे.
खोया हुआ कॉन्फिडेंस वापस पाने के लिए महिलाएं याद रखें ये 3 बातें, बिल्कुल नहीं डिगेगा आत्मविश्वास
2) सेक्स एजुकेशन दें
इस दौर को देखते हुए जरूरी हो गया है कि हर बच्ची को समय के साथ साथ सेक्स एजुकेशन दी जाए. इस काम को मां से बेहतर कोई नहीं कर सकता. सेक्स से जुड़े सवाल पर परियों की कहानी सुनाने की जगह उसकी उम्र के हिसाब से उसको शरीर में आ रहे बदलावों के साथ साथ प्रैक्टिकल चीजों की जानकारी जरूर दें.
3) स्कूल और कॉलेज लाइफ डिस्कस करें
आपको जब भी मौका मिले आप स्कूल और कॉलेज लाइफ जरूर अपनी बेटी के साथ डिस्कस करें. कुछ अपनी जिंदगी से जुड़े किस्से सुनाएं, जिससे बातों ही बातों में वो सही गलत का फर्क समझ सकें. आप की किसी गलती से वो सीख ले सकती हो तो उसे खुलकर बताएं.
हमेशा रहना है खुश, दिखना है खूबसूरत और सेहतमंद, तो आज से ही अपनाएं ये आदतें
4) दोस्तों के बारे में बात करें
अपने दोस्तों के बारे में भी बात करें. साथ ही बेटी के दोस्तों के बारे में भी जानें. अपने दोस्तों के बारे में बात करके आप उसे सही दोस्त का चुनाव करने में मदद कर सकेंगी. बेटी के फ्रेंड सर्कल की बात कर आप ये जान सकेंगी कि वो किस सोहबत में है.
5) लव लाइफ के बारे में बात करें
सोशल मीडिया ने आजकल बहुत कम उम्र के बच्चों को ही क्रश और अट्रैक्शन जैसे शब्द सिखा दिए हैं. बिटिया को इन शब्दों के मायने और गंभीरता समझाने की जिम्मेदारी भी मां की ही है. इन मुद्दों पर भी खुलकर बात करें. क्रश के बारे में जानकर सीधे बेटी को डांटना शुरू न कर दें. पहले दोस्त बने, उसे समझें उसके बाद जिंदगी के पाठ पढ़ाना शुरू करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.