बेहद रेयर और सबसे महंगा है गोल्डन ब्लड ग्रुप, विश्व में महज 43 लोगों के शरीर में है Golden Blood ग्रुप का खून

Blood Donor Day 2022: गोल्डन ब्लड ग्रुप का नाम है, आरएच नल (Rh Null Blood Group). खास बात तो ये हैं कि इस ग्रुप वाले खून को दूसरे किसी भी ग्रुप के साथ मैच किया जा सकता है. यह ब्लड ग्रुप सिर्फ उस इंसान के शरीर में मिलता है जिसका Rh फैक्टर null (Rh-null) होता है.

Advertisement
Read Time: 24 mins
B

World Blood Donor Day 2022: आमतौर पर हम जानते हैं कि इंसानों के शरीर में A, B, AB, 0 पॉजिटिव और नेगेटिव जैसे ब्लड ग्रुप्स होते हैं, लेकिन इन सब से अलग एक ऐसा ब्लड ग्रुप भी है, जिसके बारे में बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते और ये बहुत रेयर है, इसी वजह से इसे 'गोल्डन ब्लड' कहा जाता है. इस ब्लड ग्रुप का नाम है, आरएच नल (Rh Null Blood Group). खास बात तो ये हैं कि इस ग्रुप वाले खून को दूसरे किसी भी ग्रुप के साथ मैच किया जा सकता है. यह ब्लड ग्रुप सिर्फ उस इंसान के शरीर में मिलता है जिसका Rh फैक्टर null (Rh-null) होता है.

क्या होता है Rh Factor | What Is The Rh Factor? Why Is It Important?

Rh Null यानी गोल्डन ब्लड ग्रुप में रेड ब्लड सेल्स (RBC) पर कोई आरएच एंटीजन (प्रोटीन) नहीं मिलता है. अगर यह प्रोटीन आरबीसी में मौजूद है तो ब्लड Rh+ Positive कहलाता है, हालांकि इस ब्लड ग्रुप के लोगों में Rh फैक्टर Null होता है.  

Yoga Day 2022: कब्ज, मोटापा जैसी तमाम परेशानियों को दूर करने और शरीर को निरोग बनाने के लिए हर सुबह करें ये योगासन

Advertisement

जानिए क्यों कहा जाता है गोल्डन ब्लड | What is golden type blood?

यह एक बेहद दुर्लभ ब्लड ग्रुप है. अमेरिका, कोलंबिया, ब्राजील और जापान में इस ब्लड ग्रुप के लोग हैं. कहा जाता है कि दुनिया में इस ब्लड ग्रुप के महज नौ ही लोग हैं, जो ब्लड डोनेट करते हैं, इसलिए इस ब्लड ग्रुप को 'गोल्डन ब्लड' कहा जाता है. विश्वभर में यह सबसे महंगा ब्लड ग्रुप है. एक खास बात ये भी है कि इस ग्रुप का खून किसी को भी चढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर किसी परिस्थिति में इस ग्रुप वाले लोगों को खून की जरूरत पड़ती है तो परेशानी होती है. 

Advertisement

मुश्किल है डोनर मिलना | How rare is the golden blood type?

बताया जाता है कि विश्व में यह ब्लड ग्रुप सिर्फ 43 लोगों में पाया गया है, वहीं महज 9 लोग एक्टिव डोनर्स हैं. यही कारण है कि इस ग्रुप का डोनर मिलना मुश्किल है. इस ब्लड ग्रुप को इंटरनेशनल लेवल पर ट्रांसपोर्ट करना भी मुश्किल है. इस वजह से एक्टिव डोनर्स से मिलने वाले ब्लड को जमा करके रखा जाता है. 

Advertisement

Good Fats vs. Bad Fats: जानिए क्या होता है 'ट्रांस फैट' और 'सैचुरेटेड फैट', कैसे प्रभावित करता है शरीर को

Advertisement

तेजी से घटाना है वजन, सुबह भूलकर भी न करें ये गलतियां | Common Mistakes When Trying to Lose Weight

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
Chirag Paswan Exclusive: देश में वन नेशन वन इलेक्शन कितना संभव? | NDTV Yuva Conclave