केंद्रीय मंत्री भारती प्रवीण पवार ने गुरुवार को कहा कि एंटी माइक्रोबियल ड्रग रेजिस्टेंस एक साइलेंट और इनविजिबल महामारी है और इसका मुकाबला करना नेशनल हेल्थ एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है. पवार ओमान के मस्कट में एंटी माइक्रोबियल (एएमआर) पर तीसरे ग्लोबल हाई लेवल कॉन्फ्रेंस की मंत्रिस्तरीय बैठक में बोल रही थीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एएमआर वैश्विक स्वास्थ्य और विकास के लिए खतरा है. ड्रग रेजिस्टेंस रोगजनकों के विकास में एंटी माइक्रोबियल ड्रग का दुरुपयोग और अत्यधिक इस्तेमाल मुख्य कारण हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि एएमआर एक मूक और अदृश्य महामारी है जिसे अन्य प्रतिस्पर्धात्मक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं द्वारा कम नहीं किया जा सकता.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इसकी व्यापकता और उसके बाद के घातक प्रभावों पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि एएमआर को गंभीर स्वास्थ्य, राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों के साथ वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में पहचाना जाता है.
पवार ने कहा, 'यह खुशी की बात है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा, डब्ल्यूएचओ और सदस्य देशों द्वारा एएमआर को पहले ही प्राथमिकता दी जा चुकी है.'
बयान के अनुार, मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एएमआर से निपटने के लिए कई पहल की गई हैं, उन्होंने कहा कि भारत ने 2016 में एक एएमआर सम्मेलन का आयोजन किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि इसका मुकाबला करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है. सम्मेलन में 15 से अधिक देशों के 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
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