महिलाओं के लिए कितना खतरनाक है एंडोमेट्रियोसिस? एक्सपर्ट से जानिए इसके लक्षण और इलाज के तरीके

Endometriosis: महिलाओं से जुड़ी बीमारियों की बेहद मशहूर डॉक्टर उषा प्रियंवदा ने एनडीटीवी के साथ एंडोमेट्रियोसिस के बारे में विस्तार से बातचीत की.

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Women Health: महिलाओं के गर्भाशय यानी यूट्रस में होने वाली गंभीर समस्या एंडोमेट्रिओसिस इन दिनों सुर्खियों में है. इस खतरनाक बीमारी में एंडोमेट्रियल टिशुज या लाइनिंग असामान्य तरीके से बढ़ कर यूट्रस के बाहर दूसरे अंगों तक फैल जाते हैं. यूट्रस की बाहरी लाइनिंग के अलावा एंडोमेट्रियम फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, लिम्फ नोड्स, पेरिटोनियम, लंग्स और आंतों समेत दूसरे रिप्रोडक्टिव ऑर्गंस तक भी फैल जाती है. इसके चलते पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को प्रभावित अंगों से थोड़ी-बहुत ब्लीडिंग और भीषण दर्द का सामना करना पड़ता है.

महिलाओं से जुड़ी बीमारियों की बेहद मशहूर डॉक्टर उषा प्रियंवदा ने एनडीटीवी के साथ एंडोमेट्रियोसिस के बारे में विस्तार से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण, इसका इलाज और इसको रोकने के उपाय के बारे में सटीक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि महिलाओं की दर्दनाक और बेहद जटिल बीमारी एंडोमेट्रियोसिस को लेकर जागरूकता बढ़नी ही चाहिए. आइए, जानते हैं कि एक्सपर्ट डॉक्टर प्रियंवदा ने एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और इलाज के तरीके के बारे में क्या-क्या बताया.

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण? (Symptoms of Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों के बारे में डॉक्टर उषा प्रियंवदा ने बताया कि किसी भी लड़की या महिला को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होने पर सावधान हो जाना चाहिए. पीरियड्स के दौरान सीवियर पेन को एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण माना जाता है. साथ ही शादीशुदा महिलाओं में शारीरिक संबंध बनाते समय तेज दर्द होने यानी डिसपारोनिया को भी इस बीमारी का संकेत बताया गया है. डॉक्टर प्रियंवदा ने कहा कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स में हमेशा भारीपन और दर्द बना रहना, बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होना, विवाहित महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत होना वगैरह को भी एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में गिना जाता है.

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जांच रिपोर्ट और मरीज की उम्र देखकर इलाज की शुरुआत (Treatment after seeing the test report and age of the patient)

डॉक्टर प्रियंवदा ने बताया कि इन लक्षणों के आधार पर पीड़ित महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस की जांच के लिए कहा जाता है. ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के आधार पर एंडोमेट्रियोसिस का इलाज शुरू किया जाता है. एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा मरीज की उम्र का ध्यान रखना होता है. क्योंकि कई बार सर्जरी के बाद भी जटिलताएं उभर आती हैं. उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान शुरुआत में कुछ दवाइयां जैसे ओसी पिल्स, डायनाजोल, जीएनआरएच वगैरह दी जाती हैं, लेकिन इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं.

एंडोमेट्रियोसिस के इलाज में कब होती है सर्जरी की जरूरत- (When is surgery required in the treatment of endometriosis?)

डॉक्टर उषा प्रियंवदा ने कहा कि खुशी की बात है कि एंडोमेट्रियोसिस के इलाज में काम आने वाली एक नई ड्रग डायनोजेस्ट उपलब्ध है. इसमें प्रोजेस्टिन थेरेपी से महिलाओं के हॉर्मोनल बैलेंस को ठीक किया जाता है. इससे कुछ समय के लिए पीरियड्स भी रुक जाता है. इस वजह से ओवरी समेत रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स की सफाई हो जाती है. डॉक्टर प्रियंवदा ने कहा कि इसके बाद लेप्रोस्कोपिक सर्जरी और ज्यादा गंभीर मामलों में हिस्टेरेक्टॉमी का सहारा लिया जाता है. इसके साथ ही मरीजों की डाइट समेत लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव और एक्सरसाइज वगैरह की सलाह दी जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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