Eid-ul-Adha 2022: बकरीद कब है? कौन सी तारीख को मनेगी बकरा ईद, जानें क्या है कुर्बानी के त्योहार का महत्व

Eid-ul-Adha 2022: इस साल 'बलिदान का पर्व' या बकरा ईद की तारीख के साथ बकरीद का इतिहास और महत्व के बारे में पूरी जानकारी यहां दी गई है.

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Eid-ul-Adha 2022: इस साल बकरीद 10 जुलाई को मनाई जाएगी.

Eid-ul-Adha 2022: बकरा ईद, बकरीद ((Bakrid), ईद अल-अधा, ईद कुर्बान या कुर्बान बयारामी दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला दूसरा प्रमुख इस्लामी त्योहार है. यह पैगंबर इब्राहिम के अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है और दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा ज़ुल हिज्जा / धू अल-हिज्जा के महीने में मनाया जाता है, जो इस्लामी या चंद्र कैलेंडर का बारहवां महीना है. कबरीद कब है (Bakrid Kab Hai), बकरीद किस दिन है या बकरीद डेट इस तरह के सवाल लगातार लोगों के दिमाग चल रहे होंगे. इसके साथ ही बहुत सारे लोग बकरीद का इतिहास और इस कुर्बानी के त्योहार के महत्व के बारे में भी जानना चाहते होंगे. यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए.

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बकरीद की कब है? Bakrid 2022 Date In India

30 जून, 2022 को अर्धचंद्राकार धुल हिज्जा चंद्रमा के देखे जाने की पुष्टि के बाद सऊदी अरब ने शनिवार 09 जुलाई, 2022 को किंगडम में ईद अल अधा मनाने की घोषणा की है, जो कि यूएई, कतर, जॉर्डन, कुवैत और अन्य अरब राज्यों में भी है. ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय इमाम परिषद (एएनआईसी) और मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ कनाडा (मैक) ने घोषणा की कि ईद अल अधा शनिवार 09 जुलाई, 2022 को मनाया जाएगा.

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यूनाइटेड किंगडम के विफाकुल उलमा और मजलिस उगामा इस्लाम सिंगापुर ने भी बुधवार को अलग-अलग बयान जारी कर घोषणा की कि ईद अल अधा रविवार 10 जुलाई, 2022 को देशों में मनाया जाएगा. भारत, पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, हांगकांग और ब्रुनेई सल्तनत ने रविवार 10 जुलाई, 2022 को ईद अल अधा के पहले दिन मनाना घोषित किया है.

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बकरीद या ईद अल-अधा इतिहास (Bakrid Or Eid al-Adha History)


मान्यताओं के अनुसार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की आज़माइश के तहत उनसे उनकी सबसे प्रिय चीज कुर्बान करने का हुक्म दिया. हजरत इब्राहिम के लिए सबसे प्‍यारे उनके बेटे ही थे, तो इब्राहिम ने इस बारे में अपने बेटे से बात की, इस्माइल अपने पिता से सहमत हुए और उन्हें अल्लाह की इच्छाओं का पालन करने के लिए कहा. और जैसे ही उन्‍होंने अपने बेटे की गर्दन पर छुरी रखी, तो अल्लाह के हुक्‍म से उनके बेटे की जगह भेड़ जिबह हो गया. 

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तब से मवेशियों की बलि ईद-उल-अधा एक प्रमुख हिस्सा है, जो न केवल पैगंबर इब्राहिम और इस्माइल के अल्लाह के लिए प्यार का जश्न मनाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कोई व्यक्ति अपने प्रिय के लिए अंतिम बलिदान करने को तैयार है.

ईद अल-अधा का महत्व (Significance Of Eid al-Adha)

इस साल 2022 में भारत में बकरीद 10 जुलाई को मनाया जाएगा. ईद उल अजहा इस्लामी कैलेंडर का 12वां और आखिरी महीना होता है. यह त्योहार खुशियां बांटने और गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने का भी एक अवसर है. कुर्बानी का गोश्त गरीबों में बांटा जाता है ताकि गरीबों को एक वक्त का खाना मिल सके. नमाज अदा करने के बाद वे भेड़ या बकरी की कुर्बानी (बलि) देते हैं और परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और गरीबों के साथ उसे साझा करते हैं. 

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कैसे मनाई जाती है बकरीद? (How Is Bakrid Celebrated)

ईद उल जुहा के दौरान मुसलमान ईदगाह या मस्जिद में जमा होते हैं और जमात के साथ 2 रकात नमाज अदा करते हैं. यह नमाज अमूमन सुबह के समय आयोजित की जाती है. कहा जाता है कि यह प्रेम, निस्वार्थता और बलिदान की भावना के प्रति आभार व्यक्त करने और एक समावेशी समाज में एकता और भाईचारे के लिए मिलकर काम करने का त्योहार है.

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बकरीद की दावत में कई तरह के व्यंजन जैसे मटन बिरयानी, मटन कोरमा, मटन कीमा, भूना कालेजी शामिल हैं, इतना ही नहीं मिठाइयों में शीर खुरमा और खीर शामिल हैं.

बहुत ज्यादा मात्रा में ऑयली फूड और नॉनवेज खाने से बचें:

जब भी कोई त्योहार आता है तो लाजमी है पकवान तो बनेंगे, लेकिन कई बार हम भूल जाते हैं कि हमें कितना खाना है. हम पेट नहीं मनभर खाते और कई स्वास्थ्य समस्याओं से घिर जाते हैं यहां बहुत अधिक तला-भुला खाने के नुकसानों के बारे में बताया गया है.

1) पाचन समस्या: ज्यादा मात्रा में मांसाहारी भोजन का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा शरीर की जरूरत से काफी ज्यादा होती है. मांसाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और यह पाचन को कठिन बना देता है.

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2) जीवन काल की कमी: अध्ययनों के अनुसार, अगर आप प्रतिदिन मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं, तो यह आपके जीवन काल को कम कर सकता है. मांसाहारी भोजन प्रेमियों की तुलना में शाकाहारियों से अधिक लंबा जीवन जीने की उम्मीद की जाती है.

3) स्वास्थ्य समस्याएं: रेड मीट में मौजूद कोलेस्ट्रॉल से नसों और धमनियों में वसा जमा हो सकता है जिससे रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा हो सकती है.

4) हार्मोनल असंतुलन: बड़ी मात्रा में मांस खाने से अधिक कोलेस्ट्रॉल बनता है जिससे स्टेरॉयड हार्मोनल असंतुलन हो सकता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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