Gestational Diabetes: क्या डिलीवरी के बाद खुद ही ठीक हो जाती है जेस्टेशनल डायबिटीज? जानिए ऐसी महिलाओं में दोबारा शुगर की बीमारी होने का कितना है रिस्क

Gestational Diabetes: प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को डायबिटीज हो जाता है जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है. हार्मोनल बदलावों के चलते महिलाएं गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज का शिकार होती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
जेस्टेशनल डायबिटीज के बारे में जानें सबकुछ.

Gestational Diabetes: महिलाओं के शरीर में गर्भावस्था के दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं. हार्मोनल बदलावों की वजह से गर्भवती महिलाओं को चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स जैसी साधारण समस्याओं से लेकर कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं में से एक है जेस्टेशनल डायबिटीज जो आमतौर पर गर्भधारण के छठे या सातवें महीने में होता है. प्रेगनेंसी के इस स्टेज में होने वाली शुगर की बीमारी को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है. पहले के मुकाबले गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज के मामले पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ रहे हैं.

लाइफस्टाइल और खानपान में आए बदलावों के अलावा लेट प्रेगनेंसी को जेस्टेशनल डायबिटीज के प्रमुख कारणों के तौर पर देखा जाता है. हालांकि, इससे घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है. डॉक्टर की सही देखरेख में डायबिटीज के बावजूद महिलाएं सेफ प्रेग्नेंसी और डिलीवरी कैरी कर सकती हैं. जेस्टेशनल डायबिटीज के बारे में सटीक जानकारी के लिए एनडीटीवी ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संदीप खरब से बातचीत की.

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं जहरीली हल्दी, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, जानिए सेहत को कैसे पहुंचा रही नुकसान

कब होता है जेस्टेशनल डायबिटीज? (When does gestational diabetes occur?)

डॉ. संदीप खरब के मुताबिक, जेस्टेशनल डायबिटीज आमतौर पर प्रेगनेंसी के आखिरी समय में देखा जाता है. डॉक्टर ने बताया कि छठे महीने या गर्भावस्था के आखिरी के तीन-चार महीने में महिलाएं डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं. प्रेग्नेन्सी के दौरान कई महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं जिसके लिए आमतौर पर शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों को जिम्मेदार माना जाता है. डिलीवरी के बाद शुगर की बीमारी खुद ही ठीक होने के सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर संदीप खरब ने बताया कि आमतौर पर डिलीवरी के बाद जेस्टेशनल डायबिटीज खुद ब खुद ठीक हो जाता है. हालांकि, उन्होंने बच्चे को जन्म देने के 6 हफ्ते बाद कंफर्म होने के लिए ब्लड शुगर टेस्ट कराने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि यह इसीलिए भी जरूरी है क्योंकि कई मामलों में डिलीवरी के बाद भी महिलाओं में डायबिटीज खत्म नहीं होती है.

Advertisement
Advertisement


बाद में डायबिटीज होने का रिस्क (Risk of developing diabetes later)

जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हुई महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. ज्यादातर मामलों में डिलीवरी के बाद डायबिटीज से छुटकारा मिल जाता है लेकिन, ऐसी महिलाओं में कुछ साल बाद दोबारा शुगर होने का खतरा बना रहता है. डॉक्टर संदीप खरब बताते हैं कि आंकड़ों के मुताबिक, जेस्टेशनल डायबिटीज का शिकार हुई 50 प्रतिशत महिलाओं में 5 या 10 साल बाद दोबारा शुगर की बीमारी होने का खतरा रहता है. गौर करने वाली बात यह है कि जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हुई महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है.

Advertisement

Monsoon में बीमारियों के संक्रमण से कैसे रहें सुरक्षित, बता रहे हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
AAP Candidate List: AAP की पहली लिस्ट जारी, 11 में से 6 दल बदलुओं को दिए टिकट | Khabron Ki Khabar