डॉक्टरों की टीम ने महिला के गर्भाशय से निकाला 18.5 KG का ट्यूमर, जानें लक्षण, कारण और इलाज

Uterus Tumor: बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने महिला के गर्भाशय से निकाला पांच शिशुओं के बराबर वजन का ट्यूमर. आइए जानते हैं इस बारे में.

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Uterus Tumor: महिला के यूट्रस से 18.5 किलो की गांठ.

डॉक्टर का प्रोफेशनल ऐसा है जहां उन्हें हर दिन नई चुनौती का सामना करना पड़ता है और दुर्लभ केस देखने पड़ते हैं. एक ऐसा ही मामला बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (BLK-Max Super Speciality Hospital) से आया है, जहां डॉक्टर्स की टीम ने एक दुर्लभ एवं मुश्किल सर्जरी की है. बता दें, टीम ने 56 साल की महिला के गर्भाशय से 18.5 किलोग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला है, जिसका वजन करीब पांच नवजात शिशुओं के वजन के बराबर है. आइए जानते हैं इस बारे में.

महिला को शुरुआत में हुई थी चलने-फिरने में परेशानी

यह दुनियाभर में पिछले छह वर्षों में निकाले गए सबसे बड़े फाइब्रॉइड यूटरस (Fibroid Uterus) मामलों में से एक है. महिला के शरीर में पिछले छह साल से अनेक फाइब्रॉइड (multiple fibroids) थे.  इनमें से एक का आकार बहुत बड़ा हो गया था, जिससे उन्हें रोजमर्रा की गतिविधियों में भी परेशानी होने लगी थी.  ट्यूमर के कारण आसपास के अंगों पर दबाव पड़ने लगा था और चलने में भी परेशानी आने लगी थी.

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डॉक्टर्स की सोच से परे था ट्यूमर का साइज

यह सर्जरी बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल  में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सीनियर डायरेक्टर और हेड डॉ. दिनेश कंसल के नेतृत्व में की गई है. इस दौरान यूरोलॉजी, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर की मल्टी डिसिप्लिनरी टीम ने भी पूरा सपोर्ट दिया है.

इस मामले को लेकर डॉ. दिनेश कंसल ने कहा, "मरीज के गर्भाशय में बहुत बड़ा ट्यूमर था. यह जितना हम ने प्री-सर्जिकल स्कैन में अनुमान लगाया था, उससे कहीं अधिक जटिल और बड़ा था.  

जानें- इस केस से बारे में | Know about case|

केस के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ. दिनेश कंसल ने आगे कहा, कि ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था कि उसके कारण गर्भाशय बढ़कर आंतों, ब्लैडर (मूत्राशय) और यूरेटर (मूत्रवाहिनी) जैसे आसपास के अन्य अंगों को दबाने लगा था. इंटरनल एनाटॉमी गंभीर रूप से प्रभावित हो गई थी और महत्वपूर्ण अंग फाइब्रॉइड से चिपके हुए थे. पहले हुई सर्जरी के कारण मरीज के शरीर के अंदर कुछ घाव भी थे, जिससे यह सर्जरी और भी जटिल हो गई थी. यह ऑपरेशन कई घंटों तक चला और पूरे समय मरीज की सेहत पर नजर रखी गई. ऑपरेशन के बाद चौथे दिन उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. डॉक्टर ने बताया , सर्जरी के बाद महिला तेजी से रिकवर कर चुकी हैं और अब उनकी दिनचर्या फिर से सामान्य और एक्टिव हो गई है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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