प्रोटीन सप्लीमेंट्स का सेवन करने से बोन मिनरल लॉस और किडनी डैमेड का खतरा बढ़ सकता है

डीजीआई में, एनआईएन ने कहा कि बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन या हाई प्रोटीन कंसन्ट्रेट का सेवन बोन मिनरल लॉस और किडनी डैमेड के खतरे को बढ़ा सकता है.

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आईसीएमआर ने बॉडी मास बढ़ाने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट से परहेज करने पर जोर दिया है.
New Delhi:

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्चर्स ने बॉडी बनाने के लिए प्रोटीन के सप्लीमेंट लेने से बचने पर जोर डाला है और बताया है कि इसके बदले बॉडी मसल्स गेन करने के लिए हेल्दी फूड खाएं और नमक का सेवन कम और सीमित मात्रा में करें. शुगर और अलट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करने के साथ खाने की चीजों पर लगे लेबल पर लगी इंफॉर्मेशन को पढ़ने की सिफारिश की है.

टॉप हेल्थ रिसर्चर अनुसंधान निकाय के तहत हैदराबाद बेस्ड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने और नॉन कम्युनिकेबल रोगों (एनसीडी) से बचने के लिए बुधवार को रिवाइज्ड 'डाइटरी गाइड लाइन्स फॉर इंडियंस (डीजीआई)' जारी किए.

डीजीआई में, एनआईएन ने कहा कि बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन या हाई प्रोटीन कंसन्ट्रेट का सेवन बोन मिनरल लॉस और किडनी डैमेड के खतरे को बढ़ा सकता है.

इसमें यह भी बताया गया कि चीनी का पूर्ण ऊर्जा संभावना का 5 प्रतिशत से कम होना चाहिए और एक संतुलित आहार को अनाज, और बाजरी से 45 प्रतिशत तक कैलोरी लेनी करनी चाहिए, और दाल, राजमा और मांस से 15 प्रतिशत तक कैलोरी ली जा सकती है.

बाकी कैलोरी नट्स, सब्जियों, फलों और दूध से आनी चाहिए. गाइडलाइन के अनुसार कुल फैट संभावना का 30 प्रतिशत से कम या बराबर होना चाहिए.

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इसमें कहा गया है कि दालों और मांस की सीमित उपलब्धता और उच्च लागत के कारण, भारतीय आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनाज पर बहुत ज्यादा निर्भर है, जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (आवश्यक अमीनो एसिड और आवश्यक फैटी एसिड) और सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन कम होता है.

आवश्यक पोषक तत्वों की कम खपत मेटाबोलिज़्म को बाधित कर सकती है और कम उम्र से ही इंसुलिन प्रतिरोध और संबंधित विकारों का खतरा बढ़ा सकती है. अनुमानों के अनुसार, भारत में कुल रोग बोझ का 56.4 प्रतिशत अधिकांश अनुपयोगी आहार के कारण होता है. स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि सीएचडी (कोरोनरी हार्ट रोग) और एचटीएन (उच्च रक्तचाप) का बहुमूल्य हिस्सा कम कर सकते हैं और 2 डायबिटीज को 80 प्रतिशत तक रोक सकते हैं.

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एक सांत्वना युक्त आश्वासन करते हुए कहा गया कि,''हेल्दी लाइफ स्टाइल का पालन करके समय से पहले होने वाली मौतों के एक बड़े हिस्से को रोका जा सकता है.'' इसमें कहा गया है कि शुगर और फैट से भरे प्रोसेस्ड फूड आइठम्स की खपत में वृद्धि, कम फिजिकल एक्टिविटी और लिमिटेड एक्सेस टू डाइवर्स फूड. इक्रोन्यूट्रिएंट की कमी और मोटापा बढ़ा देते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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