Cervical Cancer: हम में से कई लोगों को नहीं पता कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है (What Is Cervical Cancer), लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारतीय महिलाओं में कैंसर (Cancer) से होने वाली मौत में सबसे आम सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) ही है. एक ऐसा कैंसर है, जिससे बचाव और ट्रीटमेंट (Cervical Cancer Treatment) दोनों संभव हैं. लेकिन इस रोग के प्रति अवेयरनेस की कमी की वजह से महिलाओं को सही समय पर इस कैंसर की जानकारी नहीं मिल पाती. इससे बचने के लिए एचपीवी टीके (HPV vaccine) में महिला की उम्र के अनुरूप आमतौर से 2 से 3 खुराक होती हैं. यह टीका लड़कियों को 9 साल से 26 साल की उम्र के बीच दिया जाता है. यह ध्यान में रखा जाता है कि उनके यौन रूप से सक्रिय (Sexually Active) होने से पहले यह लगाया जाना चाहिए. यह टीका कम उम्र में लगाए जाने के पीछे भी एक कारण है, वह यह कि इस दौरान एंटीबॉडी (Anti-body) तेजी से विकसित होती हैं. साथ ही यह शरीर में ज्यादा लंबे समय तक रहती हैं.
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पता चलने में देरी की वजह से डॉक्टरों के लिए कई बार मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है. तो आज हम इस खबर में जानेंगे कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है और किसे होता है सबसे ज्यादा खतरा. चलिए जानते हैं सर्वाइकल कैंसर क्या है और किसे है इसका ज्यादा खतरा. कैसे एक टीके से हो सकता है 90 फीसदी बचाव, और कब लें यह टीका.
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर और टीका लगाने से कितना हो सकता है बचाव
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर (What is Cervical Cancer)
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स को इफेक्ट करता है. सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है जो वेजाइना से कनेक्टेड होता है. सर्वाइकल कैंसर इस हिस्से के सेल्स को इफेक्ट करता है. सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के अलग-अलग तरह के एचपीवी स्ट्रेन्स की कारण होते हैं. एचपीवी एक बहुत ही कॉमन वेजाइनल डिसीज है जो जननांग में मस्से के रूप में दिखता है. धीरे धीरे ये सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देते हैं. सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा 35 से 44 वर्ष की महिलाओं में डायग्नोज़ होता है. इसके 20 साल से कम उम्र की लड़कियों में डेवलप होने के चांसेस कम होते हैं. हालांकि कई वृद्ध महिलाओं को ये एहसास नहीं होता है कि उनकी उम्र में भी सर्वाइकल कैंसर होने का जोखिम होता है.
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कितना असरदार है ये टीका (HPV vaccine: Who needs it, how it works)
एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) बहुत असरकारक है और किसी भी महिला को इस वायरस के संपर्क में आने से 90% तक सुरक्षा देती है. एचपीवी वायरस को रोकने के लिए कम उम्र में ही वैक्सीन लगवाना जरूरी है ताकि एनल, पेनाइल, ऑरोफरीन्जियल कैंसर और दूसरे प्रकार के एचपीवी से संबंधित कैंसर के मामलों को कम किया जा सके. मौजूदा वक्त में एचपीवी वैक्सीन की दो डोज 15 साल की से कम उम्र में दी जाती है, जिसमें करीब 6 महीने का अंतर होता है. इसके अलावा तीन खुराक 15 साल की आयु के बाद 0, 2 ,6 महीने के अंतराल पर दी जाती है.
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9 से 26 साल तक लगवा सकते हैं वैक्सीन (What is the right age for cervical cancer vaccine?)
युवावस्था में कभी भी महिलाएं यह टीका लगवा सकती हैं. टीके फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले लगा दिए जाएं, तो ये ज्यादा कारगर हैं क्योंकि इस वायरस का इन्फेक्शन शारीरिक संबंध के दौरान होता है. अगर ये टीके 9 से 11 साल की उम्र में लगा दिए जाएं तो सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी के खतरे से बचा जा सकता है.
इस वायरस का इंफेक्शन होने के बाद टीके बेअसर हो जाते हैं. इसलिए यौन रूप से सक्रिय होने से पहले अगर यह टीका लिया जाता है, तो इसका लाभ दोगुना पाया जा सकता है. भारत में 9 से लेकर 26 साल की उम्र की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन दी जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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