Tylenol During Pregnancy Risks: दुनिया भर में दर्द से राहत पाने के लिए पेनकिलर का इस्तेमाल आम है. सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द या किसी भी असहज स्थिति में लोग सबसे पहले जिस दवा का नाम लेते हैं, वह है टाइलेनॉल जिसे एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है. लेकिन, हाल ही में इस दवा को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है. अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर ने पहले दावा किया था कि टाइलेनॉल का संबंध ऑटिज्म जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से हो सकता है. लेकिन, अब उन्होंने अपने बयान में संशोधन करते हुए कहा है कि ऐसा कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि टाइलेनॉल से ऑटिज्म होता है.
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क्या कहा गया है नए बयान में?
रॉबर्ट केनेडी ने कहा कि टाइलेनॉल का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर गर्भावस्था के दौरान. उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी पेनकिलर नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है. हालांकि उन्होंने पहले टाइलेनॉल को लेकर चेतावनी दी थी, अब उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस दवा और ऑटिज्म के बीच कोई सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है.
टाइलेनॉल क्या है और कैसे काम करता है?
टाइलेनॉल एक ओवर-द-काउंटर पेनकिलर है, जिसका मुख्य घटक एसिटामिनोफेन होता है. यह दवा दर्द और बुखार को कम करने के लिए दी जाती है. यह ब्रेन में दर्द और टेंपरेटर को कंट्रो करने वाले केमिकल्स को प्रभावित करती है.
टाइलेनॉल को लेकर विवाद क्यों हुआ?
कुछ स्टडीज में यह बात सामने आई थी कि गर्भावस्था के दौरान टाइलेनॉल का ज्यादा सेवन बच्चे के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है. कुछ शोधकर्ताओं ने ऑटिज़्म और ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) जैसी बीमारियों से संभावित संबंध की बात कही थी. हालांकि इन अध्ययनों में सीधा कारण और प्रभाव साबित नहीं हुआ है, लेकिन इससे लोगों में चिंता बढ़ गई थी.
भूलने की बीमारी और पेनकिलर का संबंध
भूलने की बीमारी यानी मेमोरी लॉस कई कारणों से हो सकती है जैसे तनाव, नींद की कमी, पोषण की कमी या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर. पेनकिलर का लंबे समय तक बहुत ज्यादा सेवन ब्रेन फंक्शनिंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन टाइलेनॉल को लेकर ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि दवाओं का अंधाधुंध सेवन किसी भी रूप में नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है.
डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी है?
हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना, बीमारी का प्रकार और शरीर पर दवा का रिएक्शन अलग होता है. पेनकिलर लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि कहीं आपको लिवर, किडनी या नर्व सिस्टम से जुड़ी कोई समस्या तो नहीं है. डॉक्टर सही मात्रा और सही समय पर दवा लेने की सलाह देते हैं, जिससे साइड इफेक्ट से बचा जा सके.
पेनकिलर का सेवन कैसे करें? (How to Take Painkillers?)
- कम मात्रा में और सीमित समय के लिए लें लगातार पेनकिलर लेना आदत बना सकता है, जिससे शरीर की प्रतिक्रिया कमजोर हो जाती है.
- खाली पेट न लें पेनकिलर को भोजन के बाद लेना बेहतर होता है, ताकि पेट पर असर न पड़े.
- गर्भवती महिलाएं खासतौर से सतर्कता बरतें गर्भावस्था में किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की निगरानी में ही करें.
- दवा की जानकारी पढ़ें पैकेट पर लिखे निर्देश और संभावित साइड इफेक्ट को जरूर पढ़ें.
टाइलेनॉल और ऑटिज़्म के बीच संबंध को लेकर अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट केनेडी जूनियर का बयान साफ करता है कि इस दवा से ऑटिज्म होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं. हालांकि उन्होंने इसके इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए. भूलने की बीमारी या न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही किया जाए. पेनकिलर राहत जरूर देती है, लेकिन इसका गलत या अनकंट्रोल यूज नुकसानदायक भी हो सकता है
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














