अजीब बात है! कुत्ते ने भैंस को काटा, गांव के 200 लोगों ने क्‍यों लगवाया रेबीज का इंजेक्शन, क्‍या वाकई उन्‍हें खतरा था!

23 दिसंबर को गांव में एक तेरहवीं का भोज (दावत) था. पूरे गांव ने बड़े चाव से दावत खाई और साथ में दही का रायता भी परोसा गया. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तीन दिन बाद यानी 26 दिसंबर को अचानक वह भैंस मर गई जिसका दूध रायता बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ था.

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बदायूं (उप्र):

Risk of rabies through dairy products: यूपी के बदायूं जिले से एक बड़ी ही अजीबोगरीब खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. यहाँ उझानी क्षेत्र के पिपरौल गांव में एक दावत के बाद करीब 200 लोगों को आनन-फानन में अस्पताल भागना पड़ा. मामला किसी फूड पॉइजनिंग का नहीं, बल्कि 'रेबीज' के डर का था.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 23 दिसंबर को गांव में एक तेरहवीं का भोज (दावत) था. पूरे गांव ने बड़े चाव से दावत खाई और साथ में दही का रायता भी परोसा गया. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तीन दिन बाद यानी 26 दिसंबर को अचानक वह भैंस मर गई जिसका दूध रायता बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ था.

पता चला कि उस भैंस को कुछ दिन पहले एक पागल कुत्ते ने काट लिया था और उसमें रेबीज के लक्षण भी दिखे थे. बस फिर क्या था, गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई और लोगों में दहशत बैठ गई कि कहीं रायते के जरिए उन्हें भी रेबीज न हो जाए.

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अस्पताल में लगी लंबी लाइनें

भैंस की मौत के बाद शनिवार और रविवार को उझानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर भीड़ उमड़ पड़ी. पुरुषों से लेकर महिलाएं और युवा, सब रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच गए. गांव की जशोदा देवी ने बताया कि दावत में सबने रायता खाया था, इसलिए जैसे ही भैंस की मौत की खबर मिली, लोग डर के मारे अस्पताल की तरफ दौड़ पड़े.

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क्या दूध से रेबीज फैलता है, डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग का क्या कहना है? | Can rabies spread through milk 

बदायूं के सीएमओ (CMO) डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि भैंस की मौत पागल कुत्ते के काटने से हुई थी. मामले में सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या वाकई रायता खाने से रेबीज फैल सकता है? इस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने जो स्थिति साफ की है, वह काफी राहत देने वाली है.

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विशेषज्ञों और डॉक्टरों की राय को हम इन बिंदुओं में समझ सकते हैं:

दूध उबालने का असर:  बदायूं के सीएमओ डॉ. रामेश्वर मिश्रा के अनुसार, दूध को उबालने के बाद रेबीज का वायरस खत्म हो जाता है. चूंकि घरों में आमतौर पर दूध उबालकर ही इस्तेमाल किया जाता है या उसकी दही जमाई जाती है, इसलिए सीधे तौर पर संक्रमण का खतरा लगभग खत्म हो जाता है.

संक्रमण का रास्ता : विशेषज्ञ बताते हैं कि रेबीज का वायरस मुख्य रूप से लार (saliva) के जरिए खून में मिलने पर फैलता है (जैसे कुत्ते का काटना). खाने-पीने की चीजों के जरिए इंसान के शरीर में इसका फैलना बहुत ही दुर्लभ (rare) माना जाता है.

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राहत की खबर: स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि गांव में फिलहाल कोई बीमार नहीं है और स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है. सावधानी के लिए ही सबको वैक्सीन दी गई है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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