Air Pollution आपकी आंखों को पहुंचा रहा है नुकसान, डॉक्टर से जानें कैसे रखना है अपनी आंखों को सेफ

बढ़ते प्रदूषण में अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना जरूरी होता है. यहां डॉक्टर से जानें कैसे अपनी आंखों को सुरक्षित रखना है.

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यह फिर से साल का वो समय है जब पॉल्यूशन बहुत हाई लेवल पर है और खतरे की घंटी बज रही है. हम सभी अपने फेफड़ों पर प्रदूषण के प्रभाव को समझते हैं लेकिन हमें इस बात का ध्यान नहीं रहता है कि पॉल्यूशन हमारी आँखों पर भी असर डालता है. इस मौसम में लोगों को आंखों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और अस्पतालों में भी इस तरह की बीमारी के केस बढ़ रहे हैं. एलर्जी अक्सर हवा में मौजूद कणों के आंखों के सीधे कॉन्टेक्ट में आने के कारण होती है. 

जो लोग बाइक चलाते समय या बाहर जाकर काम करने के परिणामस्वरूप प्रदूषण के कॉनटेक्ट में ज्यादा जाते हैं, उनकी आंखें अक्सर लाल, खुजली वाली, पानी भरी या सूजी हुई होती है. ऐसे में लोगों को अपनी आंखों में रेतीली सनसनी की शिकायत करते हैं और ज्यादातर शाम को आंखें गुलाबी या लाल रहती हैं. आंखों में खुजली भी हो सकती है. आंखों की एलर्जी अक्सर एलर्जिक साइनसाइटिस और राइनाइटिस से जुड़ी होती है, ये दोनों प्रदूषण से भी जुड़े होते हैं.

आंखों को कैसे सुरक्षित रखें

यह सुनिश्चित करने के लिए हम कुछ सावधानियां बरत सकते हैं कि हमारी आंखों को प्रदूषण का खामियाजा न भुगतना पड़े. इनमें बाइक चलाते समय या फील्ड जॉब में काम करते समय चश्मा पहनना चाहिए.

समय-समय पर आंखों को साफ बहते पानी से धोते रहें. अपनी आंखों पर कभी भी पानी के छींटे न मारें, बल्कि हमेशा अपनी आंखों को कटोरे या हाथ में पानी डालकर धीरे-धीरे धोएं.

अधिकांश हल्के से मध्यम मामलों के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स या एंटी एलर्जिक आईड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जाता है. गंभीर मामलों के लिए, इलाज में सूजन-रोधी आईड्रॉप और यहां तक ​​कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी शामिल है.

आजकल ड्राई आंखों की समस्या भी देखी जा रही है. ऐसा कई कारणों से होता है जिनमें वायुमंडलीय आर्द्रता की कमी, एलर्जी दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल और पॉल्यूशन का सीधा असर भी शामिल है.

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कुछ डाइट भी आंखों और शरीर पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं. इनमें तरल पदार्थ, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर फल, जामुन और हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ नट्स और बीज (जैसे अलसी के बीज) का अधिक सेवन शामिल है.

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कुछ घरेलू उपचार जैसे कि भाप लेना, गुलाब जल से आँख धोना या एक कप साफ पानी में आँखें डुबोना और आँख झपकाने के व्यायाम भी साइनस और आँखों पर प्रदूषण के प्रभाव को कम कर सकते हैं.

याद रखें कि आपकी आंखें भी आपके फेफड़ों की तरह ही प्रदूषण के संपर्क में हैं, इसलिए बताई गई सभी सावधानियों का पालन करें और अपनी आंखों को हेल्दी रखें.

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(Dr Digvijay Singh, Director, Noble Eye Care, Gurugram)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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