महाराष्ट्र में नए KP.2 वैरिएंट के दर्ज किए गए 91 मामले, जानिए इस COVID वैरिएंट के लक्षण और बचाव के तरीके

महाराष्ट्र में अब KP.2 स्ट्रेन के 91 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पुणे में हैं. यह राज्य के JN.1, KP.2 और KP.1.1 के मौजूदा मामलों के अलावा है.

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इसके लक्षणों में गले में खराश, खांसी, थकान, कंजेशन, नाक बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द शामिल है.

COVID-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई में एक नया वैरिएंट सामने आया है, जिससे मामलों बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. महाराष्ट्र में पहले ही KP.2 वैरिएंट के 91 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले पुणे में हैं. राज्य में ओमीक्रॉन वैरिएंट के JN.1, KP.2 और KP.1.1 सब-वैरिएंट के मौजूदा मामलों को जोड़ता है. KP.2 वैरिएंट, ओमीक्रॉन वैरिएंट का एक सब टाइप है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में भी फैल रहा है. क्या हमें इस नए वैरिएंट की एक नई लहर के लिए तैयार रहना चाहिए? यहां जानिए सब कुछ.

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KP.2 वैरिएंट के लक्षण (Symptoms of KP.2 variant)

लक्षणों में गले में खराश, खांसी, थकान, कंजेशन, नाक बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार या ठंड लगना, स्वाद या गंध की अनुभूति का नुकसान, सांस की तकलीफ, मतली और दस्त शामिल हो सकते हैं. जैसा कि सीडीसी ने कहा है, किसी व्यक्ति द्वारा अनुभव किए गए लक्षणों का प्रकार और गंभीरता आमतौर पर किसी भी हेल्थ कंडिशन और उनकी इम्यूनिटी पर निर्भर करती है.

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KP.2 वैरिएंट कर रहा संक्रमित:

पिछले कुछ महीनों में JN.1 वैरिएंट संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी एक्टिव रहा. हालांकि, परिदृश्य बदल रहा है, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, केपी.2 वैरिएंट अब अनुमानित 28.2 प्रतिशत कोविड ​​मामलों का है, जो मार्च के बीच में केवल 1.4 प्रतिशत था. चीन ने भी 12 मई तक देश में 25 KP.2 कोविड मामलों की पहचान की है.

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किस वजह से बढ़ रहे हैं मामले?

जैसे-जैसे हम गर्मियों के महीनों के करीब आ रहे हैं, कोविड-19 मामलों की एक नई लहर की संभावना के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को (यूसीएसएफ) के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. पीटर चिन-होंग ने बताया कि हालांकि मामलों में वृद्धि की संभावना है, लेकिन यह पिछली लहरों जितना गंभीर नहीं हो सकता है.

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KP.2 वैरिएंट क्या है?

शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि KP.2 वैरिएंट में JN.1 वैरिएंट की तुलना में स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन हैं. यह स्पाइक प्रोटीन वह है जिसका उपयोग वायरस कोशिकाओं से जुड़ने और उन्हें संक्रमित करने के लिए करता है, जो संभावित रूप से केपी.2 को ज्यादा संक्रामक बनाता है. हालांकि, वर्तमान में इस बात का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि केपी.2 वैरिएंट ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनता है या पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा घातक है.

किन सावधानियों को बरतें?

KP.2 वैरिएंट सहित, COVID-19 से संक्रमित होने से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. सबसे पहले और सबसे जरूरी सुनिश्चित करें कि आपको टीका लगाया गया है. अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोकर, भीड़-भाड़ वाले या घर के अंदर अच्छी तरह से फिट होने वाला मास्क पहनकर और दूसरों से कम से कम 6 फीट की सुरक्षित दूरी बनाए रखकर अच्छी हाथ की स्वच्छता अपनाएं. बड़ी सभाओं से बचें खासकर घर के अंदर और अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो घर पर ही रहें. घर के अंदर वेंटिलेशन में सुधार करें और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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