इन 8 आदतों के कारण मेंटल हेल्थ हो जाती है खराब, हेल्दी ब्रेन और तेज दिमाग के लिए इनको आज से छोड़ दें

Tips For Better Brain Health: इन बदलावों को करने से पहले आइए उन आदतों के बारे में जानते हैं जिन्हें आपको बेहतर ब्रेन हेल्थ के लिए सबसे पहले छोड़ना चाहिए.

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How To Improve Brain Health: ब्रेन हेल्थ का अर्थ ब्रेन के बेहतर कामकाज से है, जिसमें कॉग्नेटिव एबिलिटी, इमोशनल हेल्थ और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की अनुपस्थिति होना शामिल है. कुछ आदतें कॉग्नेटिव फंक्शन को खराब करके, न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम को बढ़ाकर और भावनात्मक स्थिरता को प्रभावित करके ब्रेन हेल्थ को खराब कर सकती हैं. इन नेगेटिव इफेक्ट को रोकने के लिए एक बैलेंस लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है जिसमें पर्याप्त नींद, एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट से भरपूर पौष्टिक डाइट, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी आदि शामिल हैं. इन बदलावों को करने से पहले आइए उन आदतों के बारे में जानते हैं जिन्हें आपको बेहतर ब्रेन हेल्थ के लिए सबसे पहले छोड़ना चाहिए.

ब्रेन हेल्थ को खराब करती हैं आपकी ये आदतें |These Habits of Yours Harm Your Brain Health 

1. नींद की कमी

लंबे समय तक नींद की कमी कॉग्नेटिव फंक्शन, याददाश्त और मनोदशा को खराब करती है. यह न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकती है. प्रति रात 7-9 घंटे की क्वालिटी वाली नींद का टारगेट रखें. एक स्लीप शेड्यूल बनाएं, आरामदेह माहौल बनाएं और सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें.

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2. क्रोनिक स्ट्रेस

लगातार तनाव से कॉर्टिसोल का स्राव होता है, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और हिप्पोकैम्पस को सिकोड़ सकता है, जो मेमोरी और सीखने के लिए जिम्मेदार ब्रेन एरिया है. माइंडफुलनेस, मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग वाले व्यायाम और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी जैसी स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों का अभ्यास करें.

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3. अनहेल्दी खाना

शुगर, अनहेल्दी फैट और प्रोसेस्ड फूड्स से भरपूर डाइट सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बन सकता है, जो ब्रेन हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट (जैसे, मछली और नट्स से ओमेगा-3 फैटी एसिड) से भरपूर बैलेंस डाइट अपनाएं.

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4. शारीरिक निष्क्रियता

शारीरिक व्यायाम की कमी मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफ़िक कारक (BDNF) के उत्पादन को कम कर सकती है, जो न्यूरॉन ग्रोथ को सपोर्ट करता है. हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट तक रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करें जैसे कि चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या वेट ट्रेनिंग.

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5. सोशल आइसोलेशन

अकेलापन और सामाजिक अलगाव कॉग्नेटिव डिक्लाइन का कारण बन सकता है और मनोभ्रंश के जोखिम को बढ़ा सकता है. दोस्तों और परिवार के साथ नियमित बातचीत, क्लब या ग्रुप में शामिल होने और फिजिकल एक्टिविटीज में भाग लेकर से सोशल रिलेशन बनाए रखें.

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6. बहुत ज्यादा शराब का सेवन

बहुत ज्यादा शराब के सेवन से ब्रेन सिकुड़ सकता है, कॉग्नेटिव लॉस हो सकता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. शराब का सेवन मध्यम स्तर तक सीमित रखें. महिलाओं के लिए प्रति दिन एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए प्रति दिन दो ड्रिंक.

7. धूम्रपान

धूम्रपान करने से ब्रेन में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिससे कॉग्नेटिव डिक्लाइन और स्ट्रोक और मनोभ्रंश का खतरा बढ़ जाता है. दवाओं और सहायता समूहों के जरिए से धूम्रपान छोड़ने के लिए सहायता लें.

8. मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी

अवसाद और चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं कॉग्नेटिव फंक्शन और ब्रेन हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से मदद लेकर, सेल्फ केयर करके और ऐसी एक्टिविटीज में शामिल होकर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)