बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के पहले चरण में लगभग 65 लाख नाम हटाए गए हैं, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ी है. लालू यादव के गोपालगंज में हर 100 मतदाताओं में से 15के नाम हटाए गए हैं, जो राज्य में दूसरी सबसे बड़ी कटौती है. नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में केवल 5.9% नाम हटे हैं, जो राज्य में तीसरा सबसे कम कटौती वाला क्षेत्र है.