तनाव, गुस्सा और एंग्जायटी से हैं परेशान, तो केयर टेकर को अपनानी चाहिए ये 7 आदतें

केयरटेकर के काम के दौरान अगर कुछ ऐसी समस्या आ रही हैं, तो इन 7 टिप्स को अपनाकर आप खुद को शांत कर सकते हैं.

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Stress Management Tips: केयरटेकर को इन 7 टिप्स को फॉलो करना चाहिए.

महिला चाइल्ड केयरटेकर को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. नोएडा में एक महिला चाइल्ड केयर टेकर ने 15 महीने की बच्ची को जमीन पर पटक दिया और उसको दांतों से भी काटा. यह पूरी घटना घर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. महिला चाइल्ड केयरटेकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सवाल है कि चाइल्ड केयर टेकर ने ऐसा क्यों किया? क्या यह नौकरी अब सिरदर्द बनती जा रही है और क्या इस जॉब को करना आसान नहीं रह गया है? अगर ऐसा लगता है तो केयरटेकर को इन 7 टिप्स को फॉलो कर खुद को रिलेक्स करने की जरूरत है.

इन 7 टिप्स को आजमाएं केयर टेकर्स (Caretakers Should Try These 7 Tips)

1. ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Relax With Breathing Exercises)

केयरटेकर की जॉब में सहनशीलता बहुत जरूरी है. इसलिए दिमाग को ठंडा रखने और खुद पर कंट्रोल करने के लिए ब्रिदिंग एक्सरसाइज बेहद जरूरी है. इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होगी. गहरी नींद लें, जिससे ब्रेन को आराम मिलेगा. जॉब के दौरान इसे 2 मिनट में बाथरूम में भी कर सकते हैं.

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2. माइंडफुलनेस का इस्तेमाल करें

माइंडफुलनेस यानी प्रजेंट टाइम पर पूरा फोकस करना. पास्ट और फ्यूचर में क्या होगा, इसकी टेंशन नहीं लेना, नहीं तो इससे तनाव, चिंता और निराशा बढ़ेगी और स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाएगा. माइंडफुलनेस बने रहने के लिए धीमी गति से चलने की कोशिश करें. एक पैर उठाएं और जितना हो सके धीरे-धीरे एक कदम आगे बढ़ाएं.

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3. योग

ब्रेन को बूस्ट करने और तनाव से बचने का सबसे अच्छा तरीका है योग. इससे दिमागी संतुलन बना रहता है. चीजों को हैंडल करने की क्षमता बढ़ती है. बच्चे संभालने वालों के लिए तो योग बहुत जरूरी है.

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4. आभारी होने के लिए चीजें खोजें

ऐसी 3 चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं, जैसे प्रकृति, परिवार, दोस्त. हर दिन के अंत में ऐसा करें. किसी ऐसे व्यक्ति का धन्यवाद करें जिसने आपके लिए कुछ अच्छा किया हो. इससे भी तनाव कम होगा.

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5. पॉजिटिव सोचें

अपने बारे में हमेशा अच्छा सोचें. इसके लिए आप अच्छी यादें इकट्ठा करें. एक पॉजिटिव बॉक्स बनाएं, जिसमें मजेदार पलों की तस्वीरें, खास लोगों के कार्ड और पसंदीदा गानों के बोल जैसी चीजें हों.

6. एंग्जायटी से ऐसे निपटें

ध्यान दें कि चिंता आपके शरीर को कैसे प्रभावित करती है? हो सकता है आपके हाथ कांपने लगें, दिल की धड़कन तेज हो जाए, या मांसपेशियां अकड़ जाएं. ऐसे में खुद से बात करें. जब आप चिंतित हों, तो खुद से कुछ ऐसा कहें जो आपको उस पल का साहस के साथ सामना करने में मदद कर सके. परिस्थिति का सामना करें, भागें नहीं.

7. इमोशंस को मैनेज करें

आखिर में जब भी गुस्सा आए तो बच्चों पर चिल्लाएं नहीं. भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को मैनेज करने का मतलब है कि यह चुनना कि आप अपनी भावनाओं को कैसे और कब व्यक्त करेंगे. कभी-कभी, इमोशंस को नाम देने से ही आपको नियंत्रण महसूस करने में मदद मिल सकती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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