How To Pick A Good Watermelon | Tarbooj Ki Pehchan: गर्मियों की आहट के साथ ही बाजार में तरबूज की आवक भी तेज हो जाती है. हालांकि, अब तो सालों भर तरबूज मिलते ही हैं, लेकिन सीजन में तरबूज खाने का अपना ही स्वाद और मजा होता है. गर्मियों में तरबूज खाने से सेहत को भी ढेर सारे फायदे पहुंचते हैं. साथ ही इसके खाने से कई सारी बीमारियां भी दूर की जा सकती हैं. गर्मियों में तरबूज खाने से डिहाइड्रेशन से सुरक्षा होती है. तरबूज खाना वेट को मेंटेन करता है. साथ ही इसमें पाए जाने वाले लाइकोपीन समेत कई सारे विटामिन-मिनरल कैंसर का खतरा कम कर सकता है.
लाल रंग देखकर नकली तरबूज के झांसे में फंसने कैसे बचें (Watermelon Buying Tips | How To Pick A Good Watermelon)
बाजार में तरबूज खरीदते वक्त हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल होता है उसकी ठीक से पहचान करना. खरीदारी के वक्त कई बार हम लाल रंग देखकर नकली तरबूज के झांसे में भी फंस जाते हैं. आपको जानकर हैरत होगी कि आजकल बाजार में आए तरबूज को लाल, ताजा और मीठा दिखाने के लिए केमिकल का इंजेक्शन लगाया जाता है. दिखने में अच्छा यह तरबूज न तो मीठा होता है और न ही ताजा. इसको खाने से सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है. कई तरह की बीमारियों का भी खतरा हो सकता है.
बाजार में तरबूज खरीदते वक्त बेहद होशियार रहने की जरूरत
इसलिए सेहत को फायदे की जगह नुकसान होने से बचने के लिए बाजार में तरबूज खरीदते वक्त होशियार रहने की जरूरत है. फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने लोगों को इस फर्जीवाड़े से बचने की सलाह दी है. एफएसएसएआई ने बताया है कि बाजार में इंजेक्शन के जरिए तरबूज के अंदर एरिथ्रोसिन केमिकल डाला जाता है. यह मिठाई, कैंडी, ड्रिंक्स वगैरह में मिलाई जाने वाली एक तरह की लाल डाई है.
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एफएसएसएआई ने दी मिलावटी तरबूज खाने से बचने की सलाह
सरकार की ओर से कई बार किसी भी फल के अंदर इस खतरनाक केमिकल डाई को मिलाने से मना किया जा चुका है. एफएसएसएआई ने असली और मिलावटी या नकली तरबूज पहचानने के लिए कुछ पक्के तरीके भी बताए हैं. इसके जरिए आप ताजा, लाल और मीठे तरबूज की पहचान कर खरीद और खा सकते हैं. साथी ही नकली या नुकसान पहुंचाने वाले तरबूज खरीदने से बच सकते हैं.
नेचुरल और केमिकल मिलाए तरबूज को आसानी से पहचानें | How to choose the best watermelon: Tips from experts
एफएसएसएआई (FSSAI) ने बताया है कि तरबूज को पहले बीच से दो हिस्सों में बराबर काट लें. इसके बाद दोनों में से कोई एक हिस्सा लें. फिर रुई की एक छोटी गेंद बनाकर तरबूज के लाल गूदे के ऊपर थोड़ी देर तक रगड़ें. अगर तरबूज असली और नेचुरल होगा तो आपकी रूई पर कोई रंग नहीं चढ़ेगा. रूई पर रंग नहीं आने का मतलब है कि तरबूज के साथ केमिकल छेड़छाड़ नहीं हुई है. यह पका हुआ है और ताजा है तो मीठा भी जरूर होगा.
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एरीथ्रोसिन केमिकल के जरिए पकाए गए तरबूज से नुकसान
एफएसएसएआई के मुताबिक, अगर टेस्ट के दौरान आपकी रूई का टुकड़ा लाल रंग का हो जाता है तो पक्का है कि तरबूज को एरीथ्रोसिन केमिकल के जरिए पकाया गया है. इंजेक्शन के जरिए उसमें लाल रंग मिलाया गया है. यह खाने के लिए सुरक्षित नहीं है. इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. इस केमिकल के पेट में जाने से आपको उल्टी, पेट दर्द, दस्त, जी मिचलाना, भूख न लगना जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं. लंबे समय तक ऐसे तरबूज खाते रहने से थाइराइड की बीमारी भी हो सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)