क्या आप भी हेल्दी समझकर खाते हैं शुगर फ्री मिठाई, तो हो जाएं सावधान! एक्सपर्ट ने बताया हैरान कर देने वाला सच

तो, क्या शुगर-फ्री मिठाई हमारी हेल्थ के लिए अच्छी है? अमिता के अनुसार, कम मात्रा में शुगर-फ्री मिठाई का सेवन करना पूरी तरह से ठीक है, लेकिन परेशानी तब पैदा होती है जब आप इसका ज़्यादा सेवन कर लेते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करके शुगर-फ्री तैयार किया जाता है.

मिठाई किसे पसंद नहीं है? हम सब करते हैं! लड्डू और बर्फी से लेकर खीर और गुलाब जामुन तक, कोई भी इंडियन खाना या सेलीब्रेशन इन मिठाइयों के बिना पूरा नहीं होता है. ये दिल को संतुष्टि देते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनमें भरपूर मात्रा में शुगर पाई जाती है जो सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है. डायबिटीज पेशेंट या वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए, शुगर-फ्री मिठाई एक पसंदीदा ऑप्शन के तौर पर सामने आई है. आजकल बाजार में आपको अपनी पसंदीदा मिठाइयों के शुगर-फ्री ऑप्शन आसानी से मिल जाएंगे. हालाँकि इनका सेवन करना आकर्षक हो सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या ये वास्तव में हेल्दी हैं? क्या वे वादे पर खरे उतरते हैं, या वे महज़ एक दिखावा हैं? हाल ही में, न्यूट्रिशनिस्ट अमिता गद्रे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस से जुड़ी सच्चाई का खुलासा किया. सबसे पहले, आइए समझें कि "शुगर-फ्री" का वास्तव में क्या है.

Photo Credit: iStock

शुगर-फ्री किससे बनता है?

जैसा कि नाम से पता चलता है, शुगर-फ्री बिना चीनी के बनाया जाता है. इसके बजाय, इसमें ऑप्शनल मिठास का इस्तेमाल किया जाता है जो चीनी के स्वाद जैसा होता है और इसमें लगभग कोई कैलोरी नहीं होती है. सबसे फेमस आर्टिफिशयल स्वीटनर एस्पार्टेम है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर सोडा और च्यूइंग गम में किया जाता है. इसके अलावा, सैकरीन और सुक्रालोज़ भी फेमस शुगर-फ्री ऑप्शन हैं.

आज क्या बनाऊं: स्वाद और सेहत से भरपूर है ये मखाने की सब्जी, नोट करें रेसिपी हर कोई करेगा तारीफ

Advertisement

एक्सपर्ट ने क्या खुलासा किया:

तो, क्या शुगर-फ्री मिठाई हमारी हेल्थ के लिए अच्छी है? अमिता के अनुसार, कम मात्रा में शुगर-फ्री मिठाई का सेवन करना पूरी तरह से ठीक है, लेकिन परेशानी तब पैदा होती है जब आप इसका ज़्यादा सेवन कर लेते हैं. बहुत से लोग इसका ज्यादा सेवन कर लेते हैं, खासकर फेस्टिवल सीजन के दौरान. वो कहती हैं, "साल के इस समय में शुगर-फ्री हलवा या शुगर-फ्री मिठाई खाने से आपको जरूरी फायदा नहीं होगा." अमिता आगे बताती हैं कि सिर्फ इसलिए कि यह शुगर-फ्री है इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक हफ्ते में आधा किलो खा सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि शुगर-फ्री मिठाई में दूसरी चीजे भी होती हैं जो एक्सट्रा कैलोरी की खपत का कारण बन सकते हैं.

Advertisement

यहां देखें पूरा वीडियो:

Advertisement

शुगर-फ्री और बिना एडेड शुगर के बीच क्या अंतर है?

शुगर-फ्री सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं हैं जो आपको बाज़ार में मिलते हैं, ऐसे कई फूड प्रोडक्ट्स और भी हैं जिन पर 'विटआउट ऐडेड शुगर' का लेबल लगा हुआ है. एक कस्टमर के रूप में, यह तय करना काफी भ्रमित करने वाला हो सकता है कि किसे चुना जाए. तो, क्या दोनों में कोई अंतर है, या वे एक ही हैं? शुगर फ्री फूड आइटम्स में नेचुरल और दूसरी तरह की शुगर नहीं होती है. दूसरी ओर, 'नो एडेड शुगर' लेबल वाले फूड आइटम्, में कोई एक्सट्रा चीनी नहीं होती है. हालाँकि, उनमें कुछ में नेचुरल शुगर हो सकती है.

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Income Tax Budget 2025: Middle Class के लिए खुशखबरी, अब Tax Slab में होगी होगी इतनी Percent तक छूट
Topics mentioned in this article