लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी पहुंचे, जहां वे गुरुवार शाम से 45 घंटे तक ध्यान करेंगे. प्रधानमंत्री सीधे भगवती अम्मन मंदिर गए और पूजा-अर्चना की. पीएम के हाथ में जो पूजा की थाली दिख रही है उसमें कुछ लाल केले और नारियल दिखाई दे रहे हैं. हम सभी ने पीले केले तो देखे और खाएं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल केले, पीले केले से कैसे अलग हैं, दोनों के स्वास्थ्य लाभों में क्या अंतर है और लाल पूजा में चढ़ाने का क्या महत्व है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे, जो भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित है. प्रधानमंत्री मोदी का यह आध्यात्मिक प्रवास लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान के अंत में हो रहा है. वे 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में लगभग 45 घंटे ध्यान करेंगे. यह वह स्थान है जहां आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद ने 131 साल पहले ध्यान किया था. प्रधानमंत्री सीधे भगवती अम्मन मंदिर गए और पूजा-अर्चना की. धोती और सफेद शॉल ओढ़े पीएम मोदी ने मंदिर में प्रार्थना की और गर्भगृह की परिक्रमा की. पुजारियों ने एक विशेष 'आरती' की और उन्हें मंदिर का 'प्रसाद' दिया गया जिसमें एक शॉल और मंदिर के मुख्य देवता की फ़्रेमयुक्त तस्वीर शामिल थी, लेकिन एक और तस्वीर आई जिसने सबका ध्यान खींचा वह थी पूजा की थाली. पीएम के हाथ में जो पूजा की थाली दिख रही है उसमें कुछ लाल केले और नारियल दिखाई दे रहे हैं. हम सभी ने पीले केले तो देखे और खाएं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल केले, पीले केले से कैसे अलग हैं, दोनों के स्वास्थ्य लाभों में क्या अंतर है और लाल पूजा में चढ़ाने का क्या महत्व है.
पीला केला लाल केले में क्या अंतर है? | What is the difference between a yellow banana and a red banana?
केला एक प्रमुख फल है जो पूरे विश्व में खाया जाता है और इसे कई प्रकारों में पाया जा सकता है. इनमें से दो प्रमुख प्रकार हैं - पीला केला और लाल केला. इन दोनों प्रकारों के बीच कई बड़े अंतर होते हैं, जो उनके रंग, स्वाद, न्यूट्रिशन वैल्यू और उपयोग में दिखाई देते हैं.
1. रंग और आकार
पीले केले, जिन्हें सबसे आम प्रकार के रूप में जाना जाता है, उनके पीले छिलके के लिए प्रसिद्ध हैं. ये केले आकार में मध्यम होते हैं और अधिकतर बाजारों में आसानी से उपलब्ध होते हैं. दूसरी ओर, लाल केले लाल या गहरे बैंगनी रंग के होते हैं और आकार में थोड़े छोटे और मोटे होते हैं.
2. लाला और पीले केले का स्वाद
स्वाद के मामले में पीले केले मीठे होते हैं और उनका स्वाद ज्यादातर लोगों को प्रिय होता है. लाल केले का स्वाद थोड़ा ज्यादा मीठा और क्रीमी होता है, और उनमें एक हल्की बेरी जैसी सुगंध भी होती है. इस खास स्वाद के कारण लाल केले खासतौर से स्वाद के लिए पसंद किए जाते हैं.
3. लाला और पीले केले की न्यूट्रिशन वैल्यू
दोनों प्रकार के केले पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर होते हैं: पीले केले में विटामिन सी, विटामिन बी6 और हाई पोटैशियम होती है. यह एनर्जी का अच्छा स्रोत है और पाचन में मदद करता है. लाल केले में पीले केले की तुलना में ज्यातर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. इसमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन की ज्यादा मात्रा पाई जाती है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है.
4. लाला और पीले केले का उपयोग
पीले केले का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि स्मूदी, सलाद, मिठाई और बेकिंग. ये केले बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए उपयुक्त होते हैं. लाल केले का उपयोग भी इसी प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है, लेकिन इन्हें अक्सर सीधे खाने या खास मिठाइयों में उपयोग किया जाता है.
5. उपलब्धता
पीले केले हर जगह आसानी से उपलब्ध होते हैं और साल भर किसी भी मौसम में पाए जा सकते हैं. लाल केले थोड़े दुर्लभ होते हैं और मुख्यतः ट्रॉपिकल क्षेत्रों में पाए जाते हैं. ये केले विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत और अफ्रीका में उगाए जाते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)