कब्ज एक ऐसी समस्या है जो हर किसी को कभी न कभी परेशान जरूर करती है. कब्ज होने पर पेट सही तरीके से साफ नहीं होता है. जिस वजह से पेट में दर्द, भारीपन, मरोड़ और मतली जैसी समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति में मल बहुत टाइट हो जाता है और मल त्याग करते समय परेशानी भी होती है. कब्ज की एक वजह सही तरीके से डाइजेस्टिव सिस्टम का काम न करना, आपका खानपान और आपकी लाइफस्टाइल भी हो सकता है. बता दें कि अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो यह पाइल्स की समस्या का कारण भी बन सकता है. इसलिए जरूरी है कि इस समस्या का निदान जल्द से जल्द किया जाए.
जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है उनको अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. डाइट में अनाज हमारी डाइट का सबसे जरूरी पार्ट है. इसका सेवन हम दिन में दो से तीन बार कर लेते हैं. क्या आप जानते हैं कि अगर आप गेहूं का सेवन सही तरीके से करते हैं तो कब्ज जैसी परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं इसका सेवन कैसे करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: पैकेज्ड बेक किए गए सामान स्नैक्स, फिजी ड्रिंक और रेडी टू ईट फूड खाने से बढ़ सकता है मौत का खतरा- रिसर्च
कब्ज में गेहूं कैसे फायदेमंद है?
डाइट में फाइबर की कमी कब्ज का कारण बन सकती है. फाइबर खाने के जरिए आंतों में जाकर अपनी जगह बनाता है और खाने को डाइजेस्ट करने में आंतों की मदद करता है. खाने में फाइबर की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप गेहूं के आटे का सेवन चोकर के साथ कर सकते हैं. अक्सर हमारे घरों में आटा बनाते समय इसे छाना जाता है. ऐसा करने से आटे के साथ भूसी भी चली जाती है जो सही नही है. आटे की भूसी जिसे चोकर भी कहा जाता है ये घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर होता है. जो आपके पेट के लिए अच्छा होता है. गेहूं की भूसी पोषक तत्वों का भंडार होती है जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज , विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं. ये सभी पोषक तत्व डाइजेशन को बेहतर करने और कब्ज से निजात दिलाने में मदद करता है.
इसलिए अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान होते हैं तो आटे की भूसी निकालकर रोटी बनाने की बजाए. चोकर के साथ वाली रोटी बनाएं. ये पाचन को दुरूस्त बनाए रखने में मदद कर सकती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)