क्या आप भी ज्वार की रोटी बनाते समय करते हैं ये गलती, जिस वजह से सख्त हो जाती है रोटी, तो यहां देखें इसे बनाने की सही तरीका

अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि वो जब बाजरे की रोटी बनाते हैं तो वो सख्त हो जाती है, जिस वजह से उसे खाना मुश्किल हो जाता है. तो आज हम आपके लिए बाजरे की रोटी को नरम बनाने की रेसिपी लेकर आए हैं.

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ज्वार की रोटी सेहत के लिए लाभदायी होती है.

ज्वार की रोटी हमेशा से सेहत के लिए फायदेमंद मानी गई है. दरअसल, आजकल लोग फिटनेस फ्रीक हो गए हैं और उन्होंने अपनी नॉर्मल आटे की रोटियों को ज्वार से बनी रोटियों से बदल दिया है! लेकिन इन रोटियों को बनाना उतना आसान नहीं है जितना लगता है. अक्सर लोग इसे बहुत सख्त बनने की शिकायत करते हैं. क्या ज्वार की रोटी बनाते समय आपको भी ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा है? अगर हां, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं! हमें एक अचूक नुस्खा मिल गया है जो आपको हर बार नरम और फूली हुई ज्वार की रोटी बनाने में मदद करेगा.

ज्वार की रोटी को स्वास्थ्यवर्धक क्यों माना जाता है?

फिटनेस की दुनिया में बाजरा चर्चा का विषय बन गया है. भारत में, 2023 को 'बाजरा वर्ष' के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हमारा ध्यान सदियों पुराने अनाज पर केंद्रित करना है. यह खाने में हल्का है, पचाने में आसान है, और ऐसा माना जाता है कि बाजरा शरीर में गर्मी पैदा करता है. जबकि इसकी तासीर ठंडी होती है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और आयरन की भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो इसे एक हेल्दी फूड बनाते हैं.

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क्या ज्वार की रोटी डायबिटीज रोगियों के लिए हेल्दी है?

ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम होता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए इसे एक आदर्श भोजन बनाते हैं.नइसके साथ ही, यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में भी मदद करता है, जिससे आपके ब्लड शुगर के लेवल को भी कंट्रोल किया जा सकता है. दरअसल, विशेषज्ञ अक्सर हाई ब्लड प्रेशर और शुगर वाले मरीजों के लिएआटे की रोटी के बजाय ज्वार की रोटी खाने की सलाह देते हैं.

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नरम ज्वार की रोटी कैसे बनायें: 

रोटी को सॉफ्ट बनाने के लिए सबसे अच्छा है कि इसे तुरंत बनाकर तुरंत खालें. लेकिन हमेशा ऐसा हो जरूरी नही है. इसलिए, हम आपके लिए पोषण विशेषज्ञ ऋचा गंगानी की एक रेसिपी लेकर आए हैं, जो कहती है कि अगर ठीक से तैयार की जाए, तो "ज्वार की रोटी की बनावट अच्छी और नरम हो सकती है और ठंडी होने पर भी यह सख्त भी नहीं होगी."

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इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक कप पानी उबालें और फिर उसमें आटा डालें. आटा गूंथते समय उबले पानी का प्रयोग करने से आटा नरम रहता है. सुनिश्चित करें कि आप पानी और आटा गर्म होने पर अच्छी तरह मिला लें.

आटा ठंडा होने पर इसे गूंथ लें. आप अपने हाथ को ठंडे पानी में डुबो सकते हैं और फिर गूंधने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. आटे को ज्यादा देर तक न रखें, इससे सारी नमी खत्म हो जाती है. इसके बजाय, इसे तुरंत छोटे-छोटे गोल टुकड़ों में काट लें और रोटी बना लें.

आखिर में, लो से मीडियम आंच पर, रोटी को फूलने तक टोस्ट करें. अब इसमें घी लगा कर बेद कर के रख दीजिए और जब भी इसे खाना हो खालें. 

यहां देखें वीडियो

क्या ज्वार की रोटी ज़्यादा खाना ठीक है?

ऋचा गंगानी के अनुसार, एक ज्वार की रोटी (लगभग 50 ग्राम) में 90 किलो कैलोरी, दो ग्राम प्रोटीन, .5 ग्राम वसा, 19.5 ग्राम कार्ब्स और 1.7 ग्राम फाइबर होता है. अब जब आप प्रत्येक रोटी में पोषक तत्वों की सटीक मात्रा जानते हैं, तो हमारा सुझाव है कि उसी के अनुसार अपने खाने में रोटियों की संख्या तय करें. सबसे बेहतर होगा कि आप किसी विशेषज्ञ के परामर्श के बाद इसका सेवन करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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