What And How Much Should Eat: "जो खाए अन्न, वह बने सुगठित और तंदुरुस्त" - यह कहावत तो सभी ने सुनी है, लेकिन क्या हर उम्र में एक जैसा खाना शरीर को वैसे ही फायदा देता है? नहीं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर की जरूरतें भी बदलती हैं. इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि कौन सी उम्र में कितना और क्या खाना फायदेमंद होता है. सर्जन डॉक्टर नरेश त्रेहान, चेयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता हॉस्पिटल की सलाह मानें, शरीर के बदलावों को समझें और उसी के मुताबिक अपने खानपान में बदलाव लाएं.
क्या और कितना खाएं (What And How Much Should Eat)
जवानी (20 से 30 साल की उम्र)
इस उम्र में शरीर सबसे ज़्यादा एक्टिव रहता है. एनर्जी कंजप्शन ज्यादा होती है और मेटाबॉलिज़्म भी तेज़ होता है. ऐसे में कुछ ज़्यादा खाने पर भी शरीर उसे आसानी से पचा लेता है. इस समय यूथ को प्रोटीन से भरपूर खाना जैसे दालें, अंडे, दूध, हरी सब्जियां और अनाज लेना चाहिए. थोड़ा-बहुत घी या मिठाई भी शरीर हज़म कर लेता है, लेकिन रोज़ाना नहीं.
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खाने की मात्रा-
दिन में तीन बार बैलेंस्ड डाइट और बीच में हल्के-फुल्के स्नैक्स जैसे फल या ड्राई फ्रूट्स.
अडल्ड (30 से 40 साल की उम्र)
अब मेटाबॉलिज़्म धीरे-धीरे कम होने लगता है. जो पहले दो प्लेट खाना खाकर भी असर नहीं होता था, अब आधी प्लेट भी वज़न बढ़ा सकती है. इस उम्र में कामकाजी जीवन भी अधिक व्यस्त हो जाता है, जिससे शारीरिक गतिविधि घट जाती है.
क्या बदलना चाहिए?
तली-भुनी चीज़ें, ज़्यादा मीठा और भारी खाना कम करें. फाइबर वाला खाना जैसे ओट्स, साबुत अनाज और हरी सब्ज़ियों की मात्रा बढ़ाएं. घी या मक्खन सीमित मात्रा में ही लें.
खाने की मात्रा-
थोड़ा-थोड़ा लेकिन समय पर खाएं. रात का खाना हल्का रखें और सोने से कम से कम दो घंटे पहले खा लें.
मीडियम ऐज (40 से 60 साल की उम्र)
इस समय शरीर कई बदलावों से गुजरता है. थकान जल्दी लगती है, पाचन धीमा हो जाता है और वज़न भी तेजी से बढ़ सकता है. हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं.
क्या ज़रूरी है?
कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाना लें जैसे दूध, दही, पनीर और सूरज की रोशनी. नमक और चीनी की मात्रा कम कर दें. मसालेदार और तेल से भरपूर भोजन कम करें.
खाने की मात्रा
थोड़ा-थोड़ा करके 4–5 बार खाएं ताकि शरीर पर बोझ न पड़े. पानी ज़्यादा पिएं.
ओल्ड ऐज (60 साल के बाद)
अब शरीर की जरूरतें सबसे ज़्यादा संवेदनशील हो जाती हैं. दांत, पाचन और ऊर्जा - हर चीज़ में कमी आने लगती है. इस समय ऐसा खाना ज़रूरी है जिसे पचाना आसान हो और जिससे शरीर को ज़रूरी पोषण भी मिले.
क्या खाना चाहिए?
नरम और पचाने वाला खाना जैसे खिचड़ी, उबली सब्जियां, दाल का पानी, दलिया आदि. फल और सूप भी अच्छे विकल्प हैं. मीठा और नमक कम कर दें.
खाने की मात्रा-
दिन में 5 से 6 बार हल्का खाना, जो बार-बार भूख लगने और कमजोरी को दूर रखे.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)