सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो गया है जिसमें दावा किया गया है कि चंडीगढ़ में एक फूड वेंडर पराठों को पकाने के लिए डीजल का इस्तेमाल करता है. तीन मिनट लंबे इस वीडियो की शुरुआत सड़क किनारे एक रेस्तरां में एक आदमी द्वारा आटा गूंथने और उसमें आलू की फिलिंग करने से होती है.
जब वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति ने उससे पूछा कि वो क्या पका रहा है, तो उसने जवाब दिया कि वो "डीजल पराठा" बना रहा था.
फिर वह इसे कड़ाही में सेंकता है और पराठे पर बहुत ज्यादा मात्रा में तेल डालता है और कहता है कि यह डीजल है. वीडियो में, ढाबे पर मौजूद व्यक्ति यह भी दावा करता है कि "डीजल परांठे" हर दिन लगभग 300 तक बिक जाते हैं.
इस वीडियो को देखने के बाद लोग भड़क गए और उन्होंने एफएसएसएआई से इसकी जांच शुरू करने की मांग की.
इसके बाद, फूड ज्वाइंट के मालिक चन्नी सिंह ने बताया कि वो "डीज़ल पराठा जैसी कोई चीज़" नहीं बनाते हैं.
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "हम न तो 'डीजल पराठा' जैसी कोई चीज बनाते हैं और न ही ग्राहकों को ऐसी कोई चीज परोसते हैं. एक ब्लॉगर ने वह वीडियो सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाया था."
उन्होंने यह भी कहा कि यह "जनरल नॉलेज" है कि कोई भी डीजल में तैयार पराठा नहीं खाएगा.
उन्होंने कहा, "हम यहां लोगों को साफ-सुथरा खाना परोसते हैं. हम लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं." उन्होंने कहा कि वे केवल फूड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं.
श्री सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वीडियो वायरल हो रहा है और वीडियो बनाने वाले फूड ब्लॉगर ने अब इसे हटा दिया है.
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फूड ब्लॉगर ने "डीजल पराठे" के लिए माफी मांगी
वीडियो बनाने वाले फूड ब्लॉगर अमनप्रीत सिंह ने मंगलवार को माफी मांगी और कहा कि उन्हें अपने गलती पर अफसोस है.
श्री सिंह, जो इंस्टाग्राम पर "oyefoodiesing" के नाम से जाने जाते हैं, ने फूड ज्वाइंट के मालिक के साथ खड़े होकर एक नया वीडियो पोस्ट किया और कहा कि परांठे खाना पकाने के तेल में तले गए थे, न कि डीजल में.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)