Soaking Pulses: दाल हमारे आहार का एक अहम हिस्सा है, दालों से हमें प्रोटीन के साथ-साथ कई अन्य पोषक भी मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दाल से मिलने वाले पोषक तत्वों के लिए उसे किस तरह से पकाया जाए ये बेहद जरूरी होता है. आयुर्वेद में भी इसे लेकर कुछ खास बातें की गई हैं. इन्हीं में से एक है दाल को पकाने से पहले कुछ देर के लिए भिगोना. कई लोग दाल को धोकर गैस पर रख देते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसारदाल को पकाने से पहले कुछ देर के लिए पानी में भिगोना (soaking pulses) जरूर चाहिए. चलिए जानते हैं कि दाल को पकाने से पहले कुछ देर भिगोने के क्या क्या फायदे होते हैं.
दाल को पकाने से पहले भिगोने के फायदे (Benefits of soaked pulses before cooking)
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आयुर्वेद में कहा गया है कि किसी भी दाल को पकाने से पहले भिगोना चाहिए ताकि दाल से शरीर को नुकसान करने वाले फाइटिक एसिड और टैनिन निकल जाए. इन दोनों ही तत्वों की वजह से दाल का पूरा फायदा शरीर को नहीं मिल पाता. इसकी वजह से दाल को पचाना और उसके सभी पोषक तत्व हासिल करना आसान हो जाता है. जो लोग दाल को पकाने से पहले नहीं भिगोते, उन्हें ऐसी दाल को खाने के बाद पेट में देर तक भारीपन महसूस होता है क्योंकि इन एसिड की वजह से दाल पचने में देर करती है.
दाल को पकाने से पहले भिगोने का दूसरा कारण है दाल की ऊपरी परत पर स्थित ओलिगोसैकेराइड. दाल को भिगोने से पहले कॉम्पलेक्स शुगर का ये तत्व पानी में घुल कर बाहर निकल जाता है. इस तत्व को अगर ना हटाया जाए तो ये दाल के साथ पेट में जाकर पेट में सूजन का भी कारण बनता है. इसलिए अगर आपको दाल का सही और ज्यादा फायदा उठाना है तो उसे पकाने से चार से पांच घंटा पहले जरूर भिगोकर रखना चाहिए ताकि दाल में मौजूद पोषक तत्व आपके शरीर में जाकर फायदा कर सकें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)