एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा कैफीन (जो कॉफी, चाय और कोको में पाया जाता है) लेने से ल्यूपस और गठिया के मरीजों में दिल की सेहत में सुधार हो सकता है. जिन लोगों को लुपस और गठिया जैसी सूजन से जुड़ी बीमारियां होती हैं, उन्हें दिल का दौरा और स्ट्रोक होने का खतरा ज्यादा होता है. इसका कारण बीमारी के साथ-साथ कुछ दवाइयां भी होती हैं, खासकर कॉर्टिसोन के घटक.
अब तक इन मरीजों को सामान्य सुझाव दिए जाते थे, जैसे धूम्रपान छोड़ना, कोलेस्ट्रॉल कम करना, और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना. लेकिन, रिउम्याटोलोजी पत्रिका में छपे एक नए अध्ययन में कैफीन को भी दिल की सेहत सुधारने के लिए जोड़ने की सलाह दी गई है. इटली के रोम में सैपिएंजा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि कॉफी, चाय, और कोको में मौजूद कैफीन रक्त वाहिकाओं के अंदरूनी परत को फिर से बनाने में मदद करने वाले कोशिकाओं (एंडोथीलियल प्रोजेनिटर सेल्स) को सक्रिय करता है और रक्तवाहिका के विकास में सहायक होता है.
अध्ययन के प्रमुख लेखक, फुल्विया सेकेरेली ने कहा, "यह अध्ययन मरीजों को इस बारे में जानकारी देने की कोशिश है कि आहार किस प्रकार बीमारी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है." कैफीन सिर्फ शरीर को जगाने का काम नहीं करता, बल्कि इसमें सूजन को कम करने वाले गुण भी होते हैं. यह इम्यून सेल्स की सतह पर मौजूद रिसेप्टर से जुड़ता है, जिससे सूजन कम होती है.
इस अध्ययन में 31 ल्यूपस मरीजों पर शोध किया गया, जिनमें दिल की बीमारी के परंपरागत खतरे नहीं थे. इन्हें सात दिनों के लिए खाने-पीने की जानकारी देने वाली एक प्रश्नावली दी गई. एक हफ्ते बाद इनके रक्त वाहिकाओं की सेहत मापी गई. नतीजों से पता चला कि जिन मरीजों ने कैफीन का सेवन किया था, उनकी रक्त वाहिकाओं की सेहत बेहतर थी. सेकेरेली ने इस अध्ययन के परिणामों की पुष्टि के लिए एक लंबी अवधि का अध्ययन करने और कॉफी के सेवन के वास्तविक प्रभाव को समझने की सलाह दी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)