Garlic With Honey Benefits: आज के दौर में सभी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देते हैं. लोग अपनी सेहत को लेकर जागरूक हो गए हैं और फिट रहने के लिए सही खानपान रखते हैं. अगर आप भी फिटनेस फ्रीक की कैटेगरी में आते हैं और खुद को हेल्दी रखने के लिए पौष्टिक चीजों की तलाश में रहते हैं, तो आप भीगी लहसुन का सेवन कर सकते हैं. लहसुन और शहद दोनों ही आयुर्वेद में बहुत ज्यादा गुणकारी माने जाते हैं. यह एक ऐसा घरेलू उपाय है जिसे कई शारीरिक समस्याओं के निवारण के लिए उपयोग किया जाता है. अगर आप इन्हें खाली पेट सेवन करते हैं तो यह किसी औषधि से कम नहीं है. लहसुन और शहद का कॉम्बिनेशन एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो कई रोगों से राहत दिला सकता है. चलिए जानते हैं कि किन लोगों के लिए और क्यों खाली पेट लहसुन को शहद में डुबोकर खाना फायदेमंद है.
आर्युवेदिक डॉक्टर सलीम जैदी ने गार्लिक और हनी के फायदों के बारे में बताया है. उन्होंने बताया की ये कॉम्बिनेशन एक ट्रेडिशनल रेमेडी है. जब आप फ्रेश गार्लिक को शहद के अंदर एक हफ्ते तक डालकर रखते हैं, तो यह दोनों चीजें एक हमारी सेहत के लिए कई सारे हैरान करने वाले फायदे लेकर आती हैं. आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है. कितनी मात्रा में इसको लेना होता है और किन लोगों को इसे नहीं लेना चाहिए.
लहसुन और शहद के फायदे (Garlic and Honey Benefits)
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आयुर्वेद के मुताबिक लहसुन एक गर्म और तेजी से असर करने वाली औषधि है जो कि शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालती है. हमारे डाइजेशन को इंप्रूव करती है और शरीर को एक्टिव बनाती है. इसे खासकर कफ और वात दोष बैलेंस करने के लिए यूज किया जाता है. वहीं शहद एक हल्की डिटॉक्सिफाइंग और मीठी चीज है जो कि आयुर्वेदिक दवाओं के असर को बॉडी तक पहुंचाने में हमारी मदद करती है. जब आप लहसुन को शहद में भिगोते हैं तो उसका जो तेजपन है वो शहद से बैलेंस हो जाता है और यह कॉम्बिनेशन बॉडी के लिए एक पावरफुल रेमेडी की तरह काम करने लगता है.
इम्यूनिटी
गार्लिक और हनी दोनों में ही स्ट्रांग एंटीबक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, इसलिए रोजाना सुबह इसे लेने से बॉडी का नेचुरल इम्यून सिस्टम एक्टिवेट होता है और कॉमन कोल्ड फ्लू या फिर थ्रोट इंफेक्शंस या फिर बार-बार जिन लोगों को बुखार वगैरह होता रहता है तो इस तरह की समस्याओं से आपको इससे बचाव मिलता है.
पाचन तंत्र
आयुर्वेद के हिसाब से गार्लिक डाइजेस्टिव फायर यानी अग्नि को तेज करता है और खाना जल्दी डाइजेस्ट करता है. इसकी वजह से गैस, ब्लोटिंग और हैवीनेस आपकी कम होती है. साथ ही क्योंकि इस नुस्खे में हनी भी है तो हनी एक नेचुरल प्रीबायोटिक की तरह काम करता है. जिससे कि गट के गुड बैक्टीरिया की जो संख्या है उसमें बढ़ोतरी होती है. तो जो लोग इस नुस्खे को रोजाना लेते हैं उनको पेट से रिलेटेड प्रॉब्लम्स में काफी ज्यादा राहत मिलती है. पेट में गैस और ब्लोटिंग कम होती है और हाजमा भी बढ़िया रहता है.
खांसी और जुकाम
यह नुस्खा बलगम निकालने वाली दवा की तरह भी काम करता है. गार्लिक साइनस और चेस्ट कंजेशन को क्लियर करता है. जबकि शहद आपके गले को सूद करता है. आयुर्वेद में इसे पुरानी खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी प्रॉब्लम्स के लिए बहुत सालों से यूज किया जा रहा है. और अब मॉडर्न रिसर्च भी इस क्लेम को सपोर्ट करती है कि यह आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए आपके सांस और छाती के लिए बहुत ही बढ़िया नुस्खा है. तो ऐसे लोग जो कि सिगरेट पीते हैं, स्मोकिंग करते हैं, जिनको बार-बार चेस्ट में कंजेशन वगैरह की शिकायत रहती है, बलगम ज्यादा बनता है उनको भी यह नुस्खा बहुत फायदा करेगा.
हार्ट के लिए
आयुर्वेद में लहसुन को हार्ट फ्रेंडली माना गया है और इसकी वजह है कि ये आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. आर्टरीज को साफ रखता है. ब्लॉकेज प्रिवेंट करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी आपकी मदद करता है.
मर्दों में मर्दाना कमजोरी को दूर करने और बतौर एंटी एजिंग फैक्टर की तरह काम करने में भी ये नुस्खा कारगर है. शहद एक इंस्टेंट एनर्जी सोर्स है और लहसुन की अगर बात करें, तो यह खून की नसों को फैलाकर ब्लड के सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है. साथ ही इन दोनों के एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को भी ग्लोइंग बनाने के साथ एजिंग प्रोसेस को भी स्लो करते हैं. और अगर आप इसे गर्म पानी के साथ लेते हैं, तो यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी तेज करता है जिससे कि आपको वेट लॉस में भी मदद मिल सकती है.
कैसे बनाएं
इसको बनाना बहुत ही सिंपल है. बस एक लहसुन की कलियों को छील लीजिए. अब एक क्लीन ग्लास का जार में सारा लहसुन डालकर ऊपर से शहद भर दीजिए. ध्यान रखें कि शहद आपको बस इतना डालना है कि जितने में यह लहसुन की कलियां सारी अच्छे से डूब जाएं और लहसुन की कली के ऊपर लगभग एक उंगली के बराबर आपका जो शहद है वह तैरता हुआ होना चाहिए. इसके बाद जार को आप बंद करके रूम टेंपरेचर पर 7 से 10 दिनों के लिए रख दीजिए. मिनिमम 7 दिन और मैक्सिमम 10 दिन. 7 दिन के बाद आपका जो गार्लिक हनी है वो इस्तेमाल करने के लिए रेडी हो जाएगा.
कैसे करें सेवन
रोजाना सुबह खाली पेट एक से दो कलियां लहसुन की इसमें से आप निकालिए और उन्हें चबा चबा कर खा लीजिए.
किन बातों का रखें ध्यान
12 साल से छोटे बच्चों को यह नुस्खा आपको बिल्कुल भी नहीं देना है.
डायबिटिक पेशेंट्स को इसका सेवन नहीं करना
ब्लड थिनिंग मेडिसिनस ले रहे हैं जैसे कि एस्पेरिन या वॉरफेरिन तो ऐसे में इसका सेवन ना करें.
जिन लोगों को एसिडिटी या फिर सीने में जलन की शिकायत रहती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)