फास्ट फूड खाने से अमरोहा में लड़की ने गवांई जान! क्‍या वाकई Junk Food खाने से मौत हो सकती है, जानें शरीर पर पड़ता है कैसा असर

Fast Food Side Effects: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 11वीं की एक छात्रा की कथित तौर पर लगातार फास्ट फूड खाने से मौत हो गई. अहाना नाम की छात्रा के पेट में इन्फेक्शन हो गया था. लोकल अस्पताल में इलाज के बाद उसे दिल्ली एम्स रेफर किया गया था. वहां उसने दम तोड़ दिया.

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Fast Food Side Effects: जंक फूड खाने के नुकसान.

Fast Food Side Effects: फास्ट फूड खाना आज की जनरेशन के बीच कॉफी पॉपुलर है. बच्चे घर का बना सादा खाना खाने से ज्यादा बाहर का मसालेदार और स्पाइसी जंक फूड खाना पसंद करते हैं. लेकिन जंक फूड खाने की ये आदत अगर आपकी जान ले ले तो फिर क्या कहेंगे. ये सुनकर आपको शायद हैरानी हो रही होगी. लेकिन लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें फास्ट फूड खाने से पेट में इंफेक्शन हुआ और उसके बाद उसकी जान चली गई. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

फास्ट फूड खाने से गई जान!

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 11वीं की एक छात्रा की कथित तौर पर लगातार फास्ट फूड खाने से मौत हो गई. अहाना नाम की छात्रा के पेट में इन्फेक्शन हो गया था. लोकल अस्पताल में इलाज के बाद उसे दिल्ली एम्स रेफर किया गया था. वहां उसने दम तोड़ दिया. परिवार ने बताया कि अहाना को फास्ट फूड खाने का शौक था जिसकी वजह से उसको पेट में इंफेक्शन हो गया था. बता दें कि एनडीटीवी ने छात्रा के परिजन से बात की और उन्होंने बताया कि अहाना की मौत 'कार्डियक अरेस्ट' की वजह से हुई है. हालांकि उसके जंक फूड खाने की आदत उसकी सेहत को नुकसान पहुंचा ही रही थी. चलिए जानते हैं जंक फूड खाने के नुकसान.

रेगुलर जंक फूड खाने के नुकसान

अगर आप नियमित रूप से बहुत ज्यादा फास्ट फूड खाते हैं, तो इसका असर आपकी सेहत पर तुरंत भी और लंबे समय में भी पड़ता है. इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और मानसिक सेहत भी प्रभावित हो सकती है. आइए जानते हैं कि फास्ट फूड शरीर पर कैसा असर डालता है. लेकिन उससे पहले जान लेते हैं फास्ट फूड होता क्या है?

फास्ट फूड क्या होता है?

फास्ट फूड वह खाना होता है जो ज्यादा क्वांटिटी पर बनाया जाता है, ज्यादा प्रोसेस्ड होता है और बहुत जल्दी तैयार किया जाता है. इसमें पहले से तैयार या फ्रोजन सामान को डीप फ्राई, ग्रिल या माइक्रोवेव किया जाता है. आम फास्ट फूड में शामिल हैं—बर्गर, फ्राइज, डोनट्स, हॉट डॉग, फ्राइड चिकन, फिश एंड चिप्स, पिज्जा, कबाब और सब सैंडविच. इनमें आमतौर पर सैचुरेटेड फैट, शुगर, ज्यादा प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी अधिक होती है, जबकि विटामिन, मिनरल और फाइबर कम होते हैं.

फास्ट फूड का शरीर पर कैसा असर पड़ता है?

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1) हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन

फास्ट फूड में नमक ज्यादा होता है, जिससे शरीर में सोडियम बढ़ता है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक, दिल की बीमारी, किडनी रोग, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. साथ ही, फास्ट फूड में मौजूद सैचुरेटेड फैट से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और नसें संकरी हो सकती हैं (एथेरोस्क्लेरोसिस), जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम और बढ़ता है.

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2) पाचन तंत्र

फास्ट फूड में ज्यादा नमक और ज्यादा प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट (जैसे बर्गर बन, ब्रेडक्रम्ब्स, पिज्जा बेस) पेट में गैस और सूजन पैदा कर सकते हैं. यह आमतौर पर 24 घंटे में ठीक हो जाती है, लेकिन असहज महसूस कराती है. फाइबर की कमी के कारण कब्ज हो सकती है. इससे जोर लगाकर शौच जाना पड़ता है, जिससे बवासीर (पाइल्स) और हर्निया का खतरा बढ़ता है.

3) वजन

फास्ट फूड में फाइबर कम होता है. फाइबर पेट के अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है और खाने के बाद लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है. फास्ट फूड बार-बार खाने से भूख पर काबू रखना मुश्किल हो जाता है, जिससे ज्यादा खाना और वजन बढ़ना आसान हो जाता है. क्योंकि फास्ट फूड में कैलोरी ज्यादा होती है, इसलिए ज्यादा मात्रा या बार-बार खाने से तेजी से वजन बढ़ता है. ज्यादा वजन से हड्डियों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे जोड़ों का दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है.

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4) डायबिटीज का खतरा

फास्ट फूड में पाए जाने वाले ज्यादा प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ऊंचा होता है, यानी ये जल्दी शुगर में बदल जाते हैं. पहले से मौजूद ज्यादा शुगर के साथ मिलकर, खाने के बाद ब्लड शुगर अचानक बढ़ जाती है. इससे अग्न्याशय (पैंक्रियाज) ज्यादा इंसुलिन बनाता है. समय के साथ शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है, और अंत में टाइप-2 डायबिटीज हो सकती है.

टाइप-2 डायबिटीज से आंखें, किडनी, नसें प्रभावित हो सकती हैं और हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.

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5) स्किन

फास्ट फूड में ज्यादा नमक त्वचा को डिहाइड्रेट कर देता है, जिससे त्वचा सूखी और खुजलीदार हो सकती है. ज्यादा सैचुरेटेड फैट से हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे मुंहासे (एक्ने) बढ़ सकते हैं. ज्यादा शुगर कोलेजन (त्वचा को लचीला रखने वाला प्रोटीन) को नुकसान पहुंचाती है. कोलेजन खराब होने पर त्वचा उम्र से पहले बूढ़ी दिखने लगती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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