Worst Eating Habits For Belly Fat: क्या करें जब स्वाद कलियां उन केक, शानदार फ्राइड फूड और कुरकुरे पैक किए गए फूड के लिए तरस रही हों? हर कोई हमेशा एक पतला और सुडौल शरीर पाना चाहता है, लेकिन खुद को इन चीजों से दूर रखने मुश्कि है. हो सकता है आप जंक फूड खाने से परहेज करें और रंग-बिरंगे सलाद और भुनी हुई चीजों का सेवन करें लेकिन पेट को तो भरपूर भोजन करने से ही संतुष्टि मिलती है. तब क्या?
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हम जानते हैं कि कम न्यूट्रिशनल कंटेंट और हानिकारक अवयवों के कारण फास्ट फूड का हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, फिर भी हम अपनी शरीर को ऐसा भोजन देते हैं जो जो कार्बोहाइड्रेट और फैट से भरपूर हो. एक हेल्थ जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब भी कोई व्यक्ति किसी अनहेल्दी चीज के लिए तरसता है, तो उसका शरीर उसे एक संकेत देता है कि शरीर में किसी चीज की कमी है. यहां वह 4 बड़ी गलतियां हैं जो आपके वजन बढ़ने का कारण बनती हैं.
ये हैं खाने की 4 बेहद खराब आदतें | These Are 4 Very Bad Eating Habits
1) मीठा खाना
शोध से पता चलता है कि जब आप थके हुए होते हैं, तो आप अधिक एनर्जी के मिठाई के लिए तरस सकते हैं. सुगन्धित प्रोसेस्ड फूड्स आपके मस्तिष्क के केंद्र में "फील-गुड" न्यूरोकेमिकल डोपामाइन को छोड़ने को ट्रिगर करते हैं. अधिक डोपामाइन का मतलब अधिक लालसा हो सकता है. अवसाद, नींद की कमी, पीरियड्स क्रेविंग और डायबिटीज जैसे कई कारक शुगर क्रेविंग के कारण हो सकते हैं.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभार मीठा खाना ठीक है- बस हर दिन नहीं. कई बार मिठा खाने की इच्छा डिहाइड्रेशन के कारण भी होती है. इसके नुकसानों को ध्यान में रखकर आपको अधिक प्रोटीन खाने, व्यायाम करने और पर्याप्त आराम करने से मिठा खाना की लालसा को कम करने में मदद मिल सकती है.
3) स्ट्रेस ईटिंग
काम का तनाव, आर्थिक चिंताओं, रिश्ते की समस्याओं या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण स्ट्रेस ईटिंग की समस्या हो सकती है. अलग-अलग अध्ययनों के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रेस ईटिंग अधिक आम है. बेसिकली लोग स्ट्रेस को शांत करने के लिए उन फूड्स को खाते हैं जो अनहेल्दी होते हैं वे आइसक्रीम, कुकीज, चॉकलेट, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और पिज्जा जैसे फूड्स हैं, जिसकी वजह से वजन बढ़ता है. शोधकर्ताओं ने इसे वजन बढ़ने से जोड़ा है.
4) केयरलेस ईटिंग
जब किसी व्यक्ति का मस्तिष्क विचलित होता है तो उसे इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वह क्या और कितना खाना खा रहा है. यह वग समय होता है जब व्यक्ति भूख के बिना खा रहा होता है, ऊब को दूर करने के लिए और जब मन टेलीविजन, फोन कॉल पर बिजी हो. बिना सोचे-समझे या लापरवाही से खाने से मन लगाकर खाने पर स्विच करना कठिन है लेकिन असंभव नहीं है. माइंडफुल ईटिंग का मतलब सही समय पर सही भोजन करना नहीं है, बल्कि यह आपकी सभी इंद्रियों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने भोजन की खरीदारी, खाना बनाने, परोसने और खाने के दौरान सिर्फ खाने पर ध्यान देने के बारे में है.
5) बड़ा पोर्शन
हमारे सामने स्वादिष्ट भोजन और क्विक स्नैक्स आ जाएं तो हम यह नहीं देखते हैं कि हमें कितना खाना है. हम पेट भरकर नहीं मनभर कर खाते हैं. अधिक मात्रा में भोजन करने से शरीर की चर्बी बढ़ती है, भूख को रेगुलेट करने में बाधा आती है, रोगों में वृद्धि होती है, मस्तिष्क का कार्य बाधित होता है और कभी-कभी गंभीर अपच भी होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.