Durga Ashtami 2021: नवरात्रि के आठवें दिन होती है माता महागौरी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और स्पेशल प्रसाद

Durga Ashtami 2021 Puja: नवरात्रि के आठवें दिन यानि महाअष्टमी (Durga Ashtami 2021) के दिन माता महागौरी की पूजी होती है. महाअष्टमी का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के आठवें रूप को माता महागौरी कहा जाता है.

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Navratri 2021 8th Day: माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में माता महागौरी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है.

Durga Ashtami 2021 Puja:  नवरात्रि के आठवें दिन यानि महाअष्टमी (Durga Ashtami 2021) के दिन माता महागौरी की पूजी होती है. महाअष्टमी का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के आठवें रूप को माता महागौरी (Mata Mahagauri)  कहा जाता है. माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में माता महागौरी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. माता गौरी अपने भक्तों को बल, बुद्धि देने के साथ-साथ नकारात्मकता दूर करती है. पौराणिक कथा के अनुसार माता महागौरी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. तब तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता महागौरी को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था. माता महागौरी वृषभ की सवारी करती हैं. उनका स्वरूप अत्यंत सौम्य है. माता की चार भुजाएं हैं. जो भक्त माता महागौरी की पूजा करते हैं मां उनपर सदा अपनी कृपा बरसाती है. नवरात्रि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन (Kanya Pujan) का भी विधान है. कई जगह पर इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. माता महागौरी को नारियल का या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. 

माता गौरी स्पेशल भोगः (Mata Mahagauri Special Bhog)

मां दुर्गा के आठवें रूप को माता महागौरी कहा जाता है. नवरात्रि के आठवें दिन यानि महाअष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजी होती है. माता महागौरी वृषभ की सवारी करती हैं. उनका स्वरूप अत्यंत सौम्य है. माता की चार भुजाएं हैं. जो भक्त माता महागौरी की पूजा करते हैं मां उनपर सदा अपनी कृपा बरसाती है. माता गौरी को नारियल और नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. आप माता को नारियल से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

माता को नारियल से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं. 

माता महागौरी की पूजा विधिः (Mata Mahagauri Pujan Vidhi)

नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. सुबह स्नान आदि करके माता की पूजा करें. पूजा में गंगा जल, शुद्ध जल, कच्चा दूध, दही, पंचामृत, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण,पान के पत्ते, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, धूप, कपूर, लौंग, अगरबत्ती से माता की पूजा की जाती है. माना जाता है कि माता को रात की रानी के फूल अति प्रिय है.

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माता महागौरी मंत्रः (Mata Mahagauri Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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