अपनी सेहत को अच्छा रखने के लिए कई लोग तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं. भारत देश में तांबे के बर्तन का विशेष महत्व भी है, ये धातु अपने आप में एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है. खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर को बहुत फायदा पहुंचता है, इतना ही नहीं आयुर्वेद में भी तांबे के बर्तन में पानी पीना काफी लाभदायक बताया गया है. अगर आप भी तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं तो उसके फायदों के साथ साथ नुकसान के बारे में भी जानकारी रखना खासा ज़रूरी है. आइए आपको बताते हैं तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और नुकसान.
शरीर से जुड़ी कई समस्याओं के लिए रामबाण है तांबा-
भारत में सबसे ज्यादा तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. शरीर से जुड़ी कई बीमारियों को ठीक करने में तांबे के बर्तन में रखा पानी रामबाण साबित हो सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों ही संतुलित रहते हैं, हालांकि इसके लिए ज़रूरी है कि, तांबे के बर्तन में पानी कम से कम 8 घंटे रखा होना चाहिए, इसके अलावा एक खास बात ये भी है कि, तांबे के बर्तन में रखा पानी जल्दी बासी नहीं होता है और लंबे वक्त तक ताज़ा ही रहता है. जानकारों के मुताबिक बीमारियों को ठीक करने में तांबे के बर्तन में रखा पानी काफी मददगार साबित हो सकता है. तांबे के बर्तन में रखा पानी तांबे के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लामेंटरी और कैंसर विरोधी प्रॉपर्टीज उत्पन्न होते हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में मददगार साबित होते हैं. एक रिसर्च के अनुसार ई-कोलाई के 99 फीसदी जीवाणु तांबे की सतह पर महज़ 2 घंटे में ही समाप्त हो सकते हैं.
घाव भरने में भी मददगार होता है तांबा-
बताया जाता है कि, तांबा अपने एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेंटरी गुणों के ज़रिए शरीर को अपने आंतरिक और ब्राह्य घावों को जल्दी भरने में मदद मिलती है, इतना ही नहीं ये अर्थराइटिस के दर्द को भी ठीक करने में लाभदायक है और थाइरॉयड ग्रंथि के स्त्राव को भी संतुलित करता है वहीं खूंन की कमी को दूर करने और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में लाभकारी हो सकता है.
ये चीजें तांबे के साथ पहुंचा सकती है नुकसान
- तांबे के बर्तन की ठीक ढंग से सफाई न करने से कॉपर ऑक्साइड की परत जमने लगती है. इस स्थिति में ही अगर आप नियमित रूप से इस पानी को पी रहें हैं तो यह काफी नुकसान पहुंचा सकता है..
- अचार- तांबे के बर्तन में कभी भी अचार रखने की गलती न करें, क्योंकि अचार में सिरका होता है जो कि, तांबे के संपर्क में आने पर आपकी सेहत बिगाड़ सकता है.
- दही और छाछ- दही और छाछ को भी कभी तांबे के बर्तन में न रखें, क्योंकि इससे जी मिचलाने और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती है साथ ही फूड पॉइजनिंग का भी खतरा होता है.
- नींबू- नींबू का किसी भी रूप में तांबे के बर्तन से संपर्क नुकसानदायक होता है, नींबू में मौजूद एसिड, तांबे के साथ क्रिया करता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
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