Chhath Puja Arghya Time 2021: चार दिनों तक चलने वाले छठ के महापर्व का कल समापन हो जाएगा. छठ की शुरूआत नहाय-खाय (Nahay Khay) के साथ होती है. फिर दूसरे दिन खरना और छठ महापर्व के तीसरे दिन यानि आज बुधवार 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य (Chhath Puja Arghya Time) दिया जाएगा. फिर कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य (Chhath Arghya Time 2021) देकर व्रत पूरा होगा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ का महापर्व शुरू हो जाता है. छठ का महापर्व पूरे देश में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. यह पर्व खासतौर पर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रेदश और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठ (Chhath Puja 2021) के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. छठ के दौरान महिलाएं और पुरष लगभग 36 घंटे का व्रत रखते हैं. माना जाता है कि ये व्रत संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए रखा जाता है.
लौकी और केले की खीर रेसिपी (Lauki And Kele Ki Kheer Recipe)
खीर एक पॉपुलर डिश में से एक है, जिसे भारत में हर छोटे-बड़े त्योहार के मौके पर बनाया जाता है. छठ महापर्व में भी खीर का खास महत्व है. छठ पूजा में ठेकुआ और गुड़ की खीर का अलग ही महत्व है. लेकिन इसके अलावा आप और कुछ टेस्टी बनाना चाहते हैं, तो अपने घर वालों के लिए आप लौकी और केले की खीर बना सकते हैं. लौकी और केले से बनी खीर स्वाद और सेहत के गुणों से भरपूर होती है. इस रेसिपी को काफी कम समय में आसानी से बनाया जा सकता है. इसको बनाने के लिए फुल फैट दूध, लौकी (छिलकर और साफ किया हुआ), केला, खोया, बादाम, चिरौंजी, काजू, ब्राउन शुगर, इलायची पाउडर, घी, केसर के रेशे आदि की आवश्यकता होती है. लौकी केले की खीर की पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
छठ महापर्व के तीसरे दिन यानि आज बुधवार 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
छठ पर सूर्य को अर्घ्य देने का समयः (Chhath Puja Arghya Time)
10 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5 बजकर 3 मिनट पर होगा. सूर्यास्त होते ही व्रती लोग सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करेंगे.
11 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : सुबह 06:41 बजे है.
छठ पूजा सामग्रीः (Chhath 2021 Pujan Samagri)
छठ पूजा के लिए कुछ चीजों की जरूरत पड़ती है जैसे, साड़ी या धोती, बांस की दो बड़ी टोकरी, बांस या पीतल का सूप, गिलास, लोटा और थाली, दूध और गंगा, एक नारियल, गन्ना, चावल, एक दर्जन मिट्टी के दीपक, धूपबत्ती, कुमकुम, बत्ती, पारंपरिक सिंदूर, चौकी, केले के पत्ते, केला, सेव, सिंघाड़ा, हल्दी, मूली और अदरक का पौधा, शकरकंदी और सुथनी, पान और सुपारी, शहद, मिठाई, गुड़, गेहूं और चावल का आटा आदि.
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